जन-आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं का दस्तावेज है मध्यप्रदेश विजन डिलीवरी रोड मैप
भोपाल
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज यहाँ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा तैयार 'विजन टू डिलीवरी रोड मैप 2020-25' दस्तावेज का विमोचन करते हुए इसे मध्यप्रदेश की जनता की आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं का दस्तावेज बताया। उन्होंने प्रदेश की त्वरित आर्थिक समृद्धि और विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में विचारों की स्पष्टता और प्रतिबद्धता के लिए मुख्यमंत्री कमल नाथ की प्रशंसा की। डॉ. सिंह ने लोगों के आर्थिक विकास और समृद्धि लाने के लिए एक साल के कम समय में उठाए गए कदमों के लिए बधाई दी। मुख्य रूप से उद्योग के साथ मिलकर रोजगार के नये अवसरों का निर्माण करने की सराहना की।
सुस्पष्ट दृष्टि-पत्र
डॉ. मनमोहन सिंह ने रोडमैप को सूक्ष्म और वृहद स्तर पर अर्थ-व्यवस्था को आगे बढ़ाकर रोजगार उत्पन्न करने के प्रयासों पर फोकस करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र और सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए न सिर्फ सुस्पष्ट दृष्टि-पत्र बनाया गया है बल्कि इसको लागू करने के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया गया है। इसमें सभी विभागों का सहयोग है।
कमल नाथ के विचारों में स्पष्ट दिखता है विकास का संकल्प
डॉ. सिंह ने कहा कि यह दृष्टि-पत्र आम नागरिकों, किसानों के कल्याण, सतत विकास और सूक्ष्म स्तर पर अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने, असंगठित क्षेत्र को गति देने, अधोसंरचना का विकास करने जैसे विषयों पर केंद्रित है। उन्होंने एक साल में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए किसानों की जय किसान फसल ऋण माफी योजना और असंगठित क्षेत्र के लिये नया सवेरा योजना, आयुष्मान भारत जैसी योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इन प्रयासों में मुख्यमंत्री कमल नाथ के विचारों और विकास का संकल्प स्पष्ट दिखता है।
रोजगार निर्माण करने में मदद मिलेगी
डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि दृष्टि-पत्र में 11 क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। आर्थिक समृद्धि के लिए कृषि प्र-संस्करण उद्योग, अधोसंरचना विकास और सेवा क्षेत्र पर ध्यान देने से भविष्य में ज्यादा से ज्यादा संख्या में रोजगार निर्माण करने में मदद मिलेगी।
विजन टू डिलीवरी लोगों की आकांक्षाओं का दस्तावेज
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करने से गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन तैयार करने की सरकार की सोच साफ़ दिखती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों की संख्या और सीटें बढ़ाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने से भविष्य में प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश जैसे आयोजन से उद्योग क्षेत्र में घरेलू और विदेशी पूंजी निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी। डू-इट योरसेल्फ गवर्नेंस व्यवस्था को दूसरे चरण में ले जाने से प्रशासन में भी पारदर्शिता बढ़ेगी। पंचायत राज संस्थाओं और स्थानीय संस्थाओं के संसाधनों और क्षमता को मजबूत बनाने पर ध्यान देने से प्रशासन तंत्र मजबूत होगा और दृष्टि पत्र को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी। डॉ. मनमोहन सिंह ने विजन टू डिलीवरी 2020-25 को सुगठित, फोकस्ड और यथार्थवादी बताते हुए कहा कि यह लोगों की आकांक्षाओं का दस्तावेज है।
सरकार के काम की गवाह है मध्यप्रदेश की जनता : मुख्यमंत्री कमल नाथ
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे 10 साल तक डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री-मंडल में काम करने का सौभाग्य मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार व़िजन की सरकार है, टेलीविजन की नहीं। हमारे कामकाज का जो भी सर्टिफिकेट मिले, वह जनता से मिले, प्रचार-प्रसार के आधार पर नहीं। यही कारण हैकि हमने दढ़ इच्छाशक्ति के साथ 365 दिन में वचन पत्र के 365 बिन्दुओं को पूरा किया। इसकी गवाह मध्यप्रदेश की जनता है।
बजट प्रावधान के बगैर कई योजनाएँ बना दी पूर्ववर्ती सरकार ने
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-प्रशासन में नई सोच, नजरिए और दृष्टिकोण की आवश्यकता थी। यह भी जरूरत थी कि प्रदेश को किस राह पर ले जाएं, जिससे समृद्धि की ऊँचाइयों को प्राप्त किया जा सके। कई चुनौतियाँ थीं। विरासत में खाली तिजोरी मिली थी। कई ऐसी योजनाएँ पूर्ववर्ती सरकार ने अंतिम दिनों में शुरू की थी, जिनका बजट में कोई प्रावधान ही नहीं था। जैसे मक्का उत्पादन करने वाले किसानों को बोनस देने की घोषणा थी, लेकिन बजट में कोई प्रावधान नहीं था। बिजली बिल माफ करने की घोषणा पर दो हजार करोड़ रूपये का वित्तीय भार आना था लेकिन बजट में मात्र 50 करोड़ रूपये का प्रावधान किया। फसल बीमा के नाम पर किसानों के साथ छलावा किया गया था। बीमा प्रीमियम की राशि 1700 करोड़ रूपये पूर्ववर्ती सरकार को देना थी लेकिन बजट में जीरो प्रावधान था। इस भारी-भरकम बोझ के साथ नई सरकार की शुरूआत हुई।
कर्ज माफी का वादा पूरा करके रहेंगे
मुख्यमत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कर्ज माफी का जो वचन किसानों को दिया था, उसे पूरा करने की शुरूआत की है। डिफॉल्टर किसानों के साथ-साथ चालू खाते वाले किसानों का भी दो लाख रूपये तक का कर्ज माफ किया। पिछले एक साल में डिफाल्टर और एनपीए खातों के दो लाख तक के कर्ज हमने माफ किए। उन किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ, जिनके एक से अधिक खाते थे और जिन्होंने फसल ऋण के अलावा ट्रेक्टर अथवा अन्य कार्यों के लिए भी ऋण लिया था। उनके आधार कार्ड भी गलत थे। पहली किश्त में चालू खाते वाले किसानों का 50 हजार रूपए तक का कर्ज माफ किया। किसानों की ऋण माफी के दूसरे चरण की शुरूआत हो रही है। इसमें एक लाख रूपए तक का कर्ज माफ करेंगे। कर्ज माफी का वादा पूरा करके रहेंगे। हर उस किसान का नाम, पता और मोबाईल नंबर की सूची है, जिनका हमने कर्ज माफ किया है।
नई रेत खनन नीति से अवैध खनन पर अंकुश के साथ राजस्व में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि वचन पत्र के 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देने के वादे को हमने निभाया, जिसका लाभ 85 लाख उपभोक्ताओं को मिल रहा है। तेन्दूपत्ता मजदूरी बढ़ाकर 2500 रुपये की है। पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण भी दिया है। निराश्रित पेंशन 300 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये की गई है। कन्या विवाह एवं निकाह योजना की अनुदान राशि को 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रुपए किया। अवैध रेत खनन पर पूरी तरह अंकुश लगाना और राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करना हमारी रेत खनन की नई नीति का लक्ष्य है।
एक साल में सरकार की कार्य संस्कृति को बदला और नियमों को सरल बनाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में सरकार की कार्य संस्कृति और प्रक्रिया में बदलाव लाने का प्रयास किया है। विकास को अवरूद्ध कर रहे नियमों को सरल बनाया। चुनौती थी कि युवाओं को रोजगार मिले। इसके लिए जरूरी था कि निवेश आए। निवेश तभी आएगा, जब विश्वास का वातावरण होगा। निवेश आने से हमारी आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी जो समृद्धि को बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दस-पन्द्रह सालों में जनता की आकांक्षाएँ, उम्मीदें बढ़ी थीं लेकिन हमारी सोच और कार्य-प्रणाली में उसके अनुरूप परिवर्तन नहीं हुआ था। इसमें आपसी तालमेल बनाने की बड़ी चुनौती हमारे सामने है।
नए परिवर्तन के साथ जनता की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे
कमल नाथ ने कहा कि व़िजन डाक्यूमेंट का उद्देश्य है कि सुनियोजित तरीके से प्रदेश को विकास के उस रास्ते पर ले जाएं, जो नए परिवर्तन के साथ जनता की अपेक्षाओं को पूरा करे। मध्यप्रदेश की पूरी देश में पहचान बने। हमारे बड़े शहर इंदौर, भोपाल सहित अन्य शहरों का नाम देश में हो, इसके लिए मेट्रो जैसी परियोजनाओं को शुरू किया है।
मिलावटखोरी और माफिया मुक्त प्रदेश बनाने का अभियान
कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश के लोग स्वस्थ न हों और लोगों में माफियाओं का खौफ हो, तब समग्र विकास की कल्पना नहीं कर सकते। पिछले एक साल में मिलावटखोरों के खिलाफ हमने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की शुरूआत की। इसके पीछे उद्देश्य था कि खाने-पीने का सामान लोगों को शुद्ध मिले। प्रदेश में अगर निवेश लाना, विश्वास की वापसी करना है, तो माफियामुक्त प्रदेश बनाना होगा। इस दिशा में भी हमने ठोस कदम उठाए हैं। सुविचारित और स्पष्ट नीति और नीयत के साथ प्रदेश को ऊँचाइयों तक ले जाएंगे। यह सपना प्रदेश के हर नागरिक का सपना है। इसे साकार करने में सभी का योगदान मिलेगा, ऐसी अपेक्षा है।
स्व. डॉ. अब्दुल जब्बार को इंदिरा गांधी समाज सेवा पुरस्कार
डॉ. मनमोहन सिंह ने गैस पीड़ित महिलाओं के कल्याण के लिए समर्पित गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक स्वर्गीय डॉक्टर अब्दुल जब्बार को मरणोपरांत राज्य सरकार के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी समाज सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया। स्वर्गीय अब्दुल जब्बार की धर्मपत्नी मती सायरा बानो ने पुरस्कार ग्रहण किया। इस पुरस्कार में दस लाख रूपये की राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है।
मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने सरकार का एक साल पूरा होने पर उठाए गए कल्याणकारी कदमों और निर्णयों का उल्लेख करते हुए लोगों के विकास के लिए तैयार किए गए विजन टू डिलीवरी 2020-25 की विशेषताओं की चर्चा की। अपर मुख्य सचिव योजना मोहम्मद सुलेमान ने आभार व्यक्त किया।