उमरिया बाबा हुजूर की सवारी मे शामिल हुए हजारो की संख्या में जायरीन
जोगी एक्सप्रेस
उमरिया- (तपस गुप्ता)- प्रदेश के साथ देश में पहचान बना चुका गंगा जमुनी संस्कृति का प्रतीक मातमी पर्व मोहर्रम पर कल हिंदू और मुस्लिम बड़ी संख्या में इमामबाड़ा पहुंचकर अपनी हाजिरी लगाई। कल अनेकता मे एकता की मिशाल जिले मे देखने मे को मिली जहां बाबा हुजूर की सवारी हजारो की संख्या में हिंदू और मुस्लिम शामिल हुए। बाबा हुजूर की सवारी कल करीब 3.30 बजे इमामबाड़े से उठकर मुरादगाह पहुची जहां जिले सहित दूर दराज से आये जायरीनों ने बाबा हुजूर से मुराद ली। तद पश्चात बाबा हुजूर की सवारी जामा मस्जिद पहुची तदउपरांत वापस मुरादगाह पहुची जहां मुरादियो को मुराद बांटी गई इसके बाद बाबा हुजूर की सवारी खलेसर होते हुए ऽर्बला पहुची । वही जिनऽी मुरादें पूरी हुई उन्होंने चांद व सोने की नाल भी भेंट की। वही मुराद गाह में विशेष साज सज्जा की गई थी। विदित हो कि मातमी पर्व को हिंदू भाई मुस्लिम की अपेक्षा ज्यादा शरीक होकर मोहर्रम को मनाया। सिर पर हरी रूमाल बांध ऽर या अली या अली का लगाते हुए हांथो में सेहली सन्नी लेकर इमामबाड़ा पहुचे।
मुराद पाकर मालामाल हुए जायरीन
बाबा हुजूर की सवारी इमामबाड़ा से निकलकर किबला रूख जाकर जियारत करने के बाद भारी जन सैलाब के साथ रवाना हुई जामा मस्जिद में बाबा हुजूर ने जियारत की । बाबा हुजूर के चाहने वालों ने उमरिया वाले बाबा हुजूर का दीदार कर मन ही मन अपनी एवं अपने परिवार के लिये खैर मकदम की दुअॅाए मांगी जगह-जगह अपनी नजरे इनायत करते हुये बाबा हुजूर उमरिया के विभिन्न अखाड़ा चौकों में एवं ताबूतों की जियारत की ,साथ साथ चल रहे अकीदतमंद जन सैलाब के हक में बाबा हुजूर ने खैर मकदम की दुआएं की । बाबा हुजूर अपने फैज से अकिदत मंदो को मालामाल किया । बाबा हुजूर ने नगर के सभी अखाड़ा चौक एवं ताबूतों मेें जियारत की एवं अकीदतमंदो को अपनी दुआओं से नवाजा । बाबा हुजूर की सवारी कैम्प अखाड़ा पहुची जहां पर बाबा हुजूर ने अपनी तकरीर से लोगो को खुदा की इबादत कर सबसे पहले नेक इंसान बनो एवं नफरत करने वालो को ताकीद किया इसके बाद मस्जिद कैम्प में जाकर उमरिया वाले बाबा कैम्प के लोगो को अपने फैज से नेक राह पर चलने की दुआएं दी। बाबा हुजूर ने रात्रि तीसरे पहर इमामबाड़ा जाकर कयाम किया और सभी इमामबाड़ा के खादिमों को हिदायतें देकर बाबा हुजूर ने सजदा किया ।
ताजिया रहे आकर्षण का केंद्र
बाबा हुजूर की सवारी के पीछे पीछे हिंदू एवं मुस्लिम परिवार द्वारा ताजिया निकाली गई जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। जुलूस मे ताजिया विभिन्न मार्गो का गस्त ऽरते हुए शाम को ताजिया को कर्बला में ठण्डा किया गया। इस अवसर पर भारी संख्या में जायरीन उपस्थित रहे।
जगह जगह बटा लंगर
कल जगह जगह लंगर बांटा गया जिसमें बड़ी संख्या में जायरीनों ने लंगर खाया। वही एक दिन पहले कालरी परिवार एवं अन्य लोगों द्वारा तमाम रात्रि चाय का वितरण किया गया।
हजारों की संख्या में पहुचे जायरीन
उमरिया का मोहर्रम कौमी एकता की जीती जागती मिशाल है। यहां हिंदू और मुस्लिम दोनो समुदायों ने मोहर्रम का मातमी पर्व मिल जुलऽर मनाया। यहां दूर दूर से जायरीन जिले का मोहर्रम को देखने पहुचे थे जिनके ठहरने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई। वही मोहर्रम पर्व पर शांति एवं भाईचारा बनवाये रखने के लिए पुलिस व्यवस्था भी बाबा हुजूर की सवारी के दौरान तैनात रही।
तिजमा कल
मोहर्रम के बाद कल तिजमा के अवसर पर मेले का आयोजन किया जायेगा। जिसमें बाबा हुजूर गाजे बाजे के साथ कर्बला पहुंचकर वहां उपस्थित जायरीनों से भेंट करेगे। कर्बला स्थित मजार में लोगों द्वारा सेहली एवं सिन्नी चढ़ाऽर दुआ मांगी जायेगी।
पाली में मनाया गया मोहर्रम
स्थानीय बिरसिंहुर पाली में मोहर्रम का मातमी पर्व एऽता भाईचारे के साथ मनाया गया । इस अवसर पर स्थानीय रेस्ट हाउस के पास ताजिया निऽाली गई जो प्रमुख मार्गो का भ्रमण करते हुए स्थानीय तालाब विसर्जित की गई । इस अवसर पर बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई उपस्थित थे।