कंठीमाला बेचने के आड़ में करता था तस्करी, शेर के नाखून के 908 नग और 17 पैकेट कस्तूरी बरामद
मथुरा
राजस्थान के झुंझनूं (Jhunjhunu) से आई वन विभाग की टीम ने शनिवार को छापेमारी कर मथुरा शहर में कंठीमाला (Kanthimala) और भगवान की तस्वीरें बेचने वाले एक ऐसे दुकानदार को गिरफ्तार किया है जो पिछले कई वर्षों से गुप्त तरीके से संरक्षित वन्यजीवों (Wildlife) के अंगों की ऑनलाइन आपूर्ति कर रहा था. आरोपी तस्कर का नाम कन्हैया लाल है.
स्थानीय पुलिस और वन विभाग के सहयोग से की गई इस कार्रवाई में आरोपी के यहां से भारी मात्रा में विलुप्तप्राय वन्यजीवों के अंग, पुरातात्विक महत्व के दो शंख बरामद किए गए हैं. आरोपी कन्हैया लाल ये वस्तुएं ऑनलाइन डिमाण्ड पर सप्लाई करता था, जबकि सार्वजनिक तौर पर उसका व्यवसाय ठाकुरजी की तस्वीरें तथा कंठीमाला आदि धर्म-कर्म की वस्तुएं बेचने का था.
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले में राजस्थान वन विभाग के उपमंडल अधिकारी की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. आरोपी को पहले भी एक मामले में पकड़ा जा चुका था. वह जमानत पर था. उसकी गिरफ्तारी झुंझनूं में एक अन्य तस्कर की गिरफ्तारी के बाद संभव हो पाई है. सिंह ने बताया कि पुलिस अब कन्हैया लाल से पूछताछ कर इन सभी सामान को प्राप्त करने के स्रोत का पता करेगी और तस्करी के रैकेट में शामिल अन्य लोगों का भी पता लगाया जाएगा.
प्रारंभिक पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार, ये लोग इन वस्तुओं को तंत्र-मंत्र से जुड़े प्रयोगों और बलवर्धक औषधियां बनाने के लिए बेचते थे. स्थानीय वन विभाग के अधिकारी पीके पाण्डेय ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे तक दुकान की सघन तलाशी के दौरान टीम को शेर के नाखूनों के 908 नग, मॉनीटर लिजार्ड (विषखपरिया) के 1255 नग, हिरण के शरीर से निकाली गई कस्तूरी के 17 पैकेट, समुद्री फेन के 818 नग, कोबरा सांप की केंचुली, बिल्ली के जेर 12 नग, समुद्री मछली के कंकाल आदि अनेक ऐसी वस्तुएं शामिल हैं जिनका आखेट, भण्डारण और बिक्री आदि कानूनन जुर्म है.