लाइसेंसधारियों पर नजर रखने DL को आधार कार्ड से जोड़ने की योजना
भोपाल
परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) को आधार कार्ड से जोड़ने की योजना बना रही है। इसका मुख्य मकसद लाइसेंसधारियों पर नजर रखना है। अगर किसी हादसे के बाद चालक का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जाता है, तो वह दोबारा आसानी से बनवा लेते हैं। लेकिन आधार कार्ड से जुड़ने के बाद निरस्त लाइसेंस दोबारा नहीं बन पाएगा। अफसरों के अनुसार नए साल में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत भोपाल और इंदौर जिले में शुरू होने की तैयारी की जा रही है।
डीएल को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान प्रदेश स्तर पर चलाया जाएगा। इस तरह परिवहन विभाग वाहन चालकों पर पैनी नजर रख सकेगा। समस्त डीएल आधार कार्ड से जुड़ने के बाद अगर कोई व्यक्ति लापरवाही से वाहन चलाकर तीन बार एक्सीडेंट करेगा, तो उसका लाइसेंस हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके बाद वह दूसरा लाइसेंस बनवाने की कितनी ही कोशिश कर ले, लेकिन सफल नहीं हो पाएगा। विभाग के सिस्टम में ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे आवेदन करने के बाद उसकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। हादसों की मुख्य वजह है ड्राइविंग लाइसेंस का आसानी से बन जाना है। लंबे समय से देखने में आ रहा है कि आरटीओ कार्यालय में एजेंट लाइसेंस बनवाने वालों से मोटी रकम लेकर उनका काम करवा देते हैं।
परिवहन विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जाएगा। जागरूकता के लिए 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में यातायात नियमों का अध्याय को जोड़ने का भी सुझाव है। इससे युवाओं को यातायात के नियम-कायदे और सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी मिलेगी। अधिकारियों के अनुसार भारी वाहन वाले ड्राइवरों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी नहीं है। इस वजह से हादसे हो रहे हैं। इसके लिए अब ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सख्ती की जा रही है। नशे में एक्सीडेंट करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है।