किसान आंदोलन में 42 हजार अज्ञात आरोपियों पर दर्ज केस होगा वापस
भोपाल
प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान हुए दो बड़े हिंसक आंदोलन की डिटेल्स कांग्रेस नेता प्रदेश सरकार को उपलब्ध कराएंगे। उनकी डिटेल्स के हिसाब से प्रकरणों में आरोपियों के नाम केस से हटाए जाएंगे। इन दोनों आंदोलन में प्रदेश के करीब 60 हजार लोगों को आरोपी बनाया गया है।
इस मामले में मंत्रालय में गृह मंत्री बाला बच्चन और विधि विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा के साथ दोनों विभागों के अफसरों के साथ ही कांग्रेस के तीन नेता शामिल थे। कांग्रेस नेताओं में किसान आंदोलन से जुड़े रहे पूर्व विधायक पारस सकलेचा और डीपी धाकड़ इस बैठक में मौजूद थे, जबकि एससी-एसटी आंदोलन से जुड़े रहे प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी भी इस बैठक में थे।
बैठक में पारस सकलेचा और धाकड़ ने बताया कि मंदसौर अकेले में ही करीब 42 हजार आरोपी किसान आंदोलन में बनाए गए हैं। यह संख्या अज्ञात आरोपियों की है, ऐसे में पुलिस न तो इनको पकड़ सकती और न ही इतने लोगों की तलाश कर सकती है। इसलिए इन सभी केस को वापस लिया जाए। किसान आंदोलन के दौरान प्रदेश भर में 174 एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन सभी केसों की डिटेल्स अब सकलेचा और धाकड़ जुटाकर मंत्रियों को देंगे। इसके आधार पर ये केस वापस होंगे।
वहीं दो अप्रैल 2018 को एससी-एसटी आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में करीब आठ हजार लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन मामलों की डिटेल्स के लिए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी को जिम्मेदारी दी गई है। वे इन सभी केसों की जानकारी मंत्रियों को देंगे। इसके बाद इनके केस वापस होंगे। इन दोनों मामलों को लेकर 11 दिसंबर को फिर से बैठक होगी। इन दोनों आंदोलन की जानकारी पुलिस और अभियोजना से भी मंत्रालय में आ चुकी है। इन तीनों की जानकारी एकत्रित करने के बाद सरकार प्रकरण वापसी का निर्णय लेगी।