सरवटे बस स्टैंड की नई इमारत का काम रुका
इंदौर
सरवटे बस स्टैंड की नई इमारत आठ महीने बाद यह हालत है कि प्रोजेक्ट का 25 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है। भुगतान नहीं होने से नई बिल्डिंग का काम ठप जैसा है। भुगतान होने पर जैसे-तैसे काम शुरू होता है, जो चींटी की चाल से चलता है और कुछ समय बाद बंद हो जाता है। यह हालत बीते कई महीनों से है। चिंता की बात यह है कि यह शहर का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिससे रोजाना आने-जाने वाले हजारों यात्रियों को फायदा होगा। सरवटे बस स्टैंड का काम शुरू होने के पहले तक रोजाना वहां 500 से ज्यादा बसों की आवाजाही थी, जो काम के लिए बंद कर दी गई। सरवटे से चलने वाली बसों को नौलखा, वल्लभ नगर और तीन इमली बस स्टैंड से चलाया जा रहा है।
इससे ज्यादातर यात्रियों की कसरत बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें बसों में बैठने या उतरने के बाद घर तक जाने के लिए ज्यादा दूरी तय करना पड़ रही है। जब तक बस स्टैंड की नई इमारत का काम नहीं हो जाता, तब तक यही व्यवस्था लागू रहेगी। दबी जुबान में नगर निगम के आधिकारिक सूत्र भी मानते हैं कि 2020 के अंत तक भी नई बिल्डिंग बन जाए तो अच्छा है, लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है। सरवटे बस स्टैंड परिसर करीब तीन एकड़ जमीन में फैला है और यह शहर का सबसे बड़ा बस स्टैंड है।
अब तक केवल दो करोड़ रुपए का काम हो पाया
सरवटे बस स्टैंड की नई बिल्डिंग में बेसमेंट के अलावा जी प्लस वन आकार का भवन होगा। बेसमेंट में पार्किंग, बेसमेंट के ऊपर टर्मिनल बिल्डिंग होगी। यहीं बसें खड़ी होंगी और यात्रियों के लिए वेटिंग एरिया, टिकट बुकिंग काउंटर, लॉकर रूम, रेस्त्रां, टॉयलेट और डॉरमेट्री समेत अन्य व्यवस्थाएं होंगी। निगम ने तय किया है कि जी प्लस वन आकार के ऊपर वह पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप आधार पर होटल बनवाएगा। यह काम इसलिए नहीं किया जा रहा, क्योंकि अभी राशि उपलब्ध नहीं है। अकेले नई बिल्डिंग और परिसर के समुचित विकास पर लगभग सवा नौ करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि अब तक केवल दो करोड़ रुपए का काम हो पाया है।
निगमायुक्त को बताई है समस्या
निगम के अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा ने माना कि सरवटे बस स्टैंड के काम में अलग-अलग कारणों से लगातार देरी हो रही है। कभी बारिश तो कभी ठेकेदार के धीमे काम तो कभी निगम द्वारा भुगतान में देरी से ये बार-बार रुक रहा है। शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में निगमायुक्त आशीष सिंह को अवगत कराया है और आग्रह किया है कि पर्याप्त राशि दें, ताकि काम फिर तेजी से चालू करवाया जा सके।