November 24, 2024

जल गुणवत्ता के मानदण्डों में मध्यप्रदेश अव्वल

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 भोपाल

भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रयोगशालाओं में जल गुणवत्ता के लिये निर्धारित मानदण्डों की जाँच में प्रदेश को मानकों की जाँच और मानक सीमा के अंतर्गत आईएस 10500-2012 के तहत प्रदेश को प्रथम रैंकिंग मिली है। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी  संजय कुमार शुक्ला ने जल सहायता संगठन के जल गुणवत्ता अनुश्रवण और निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत किये गए कार्यों की समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने जल गुणवत्ता की जाँच के कार्य में जनसाधारण और सामाजिक संस्थाओं को आगे लाने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि इससे प्रयोगशालाओं की विश्वसनीयता बढ़ेगी।  शुक्ला ने जल परीक्षण प्रयोगशालाओं के अमले की इस उपलब्धि पर बधाई दी।

प्रमुख सचिव  शुक्ल ने प्रदेश की सभी प्रयोगशालाओं को एन.ए.बी.एल. (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एण्ड केलिब्रेशन लेबोटरीज) के अंतर्गत लाने के लिये विभागीय तकनीकी अमले को सार्थक प्रयास करने के लिये कहा। उन्होंने रतलाम जिले की प्रयोगशाला को एक्रेडिटेशन प्राप्त करने पर बधाई दी।  शुक्ला ने प्रमुख अभियंता  सी.एस. संकुले को सभी प्रयोगशालाओं में केमिकल, ग्लासवेयर और आवश्यक उपकरण प्राथमिकता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

मापदण्ड पूरा न करने वाली प्रयोगशाला अर्जित करें लक्ष्य

प्रमुख सचिव को बताया गया कि 25 नवम्बर, 2019 को लेबोटरी रैंकिंग के मामले में 10 जिलों ने निर्धारित लक्ष्य को पूरा नहीं किया है। प्रमुख सचिव ने प्रयोगशाला के केमिस्टों को हिदायत दी कि निर्धारित समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्त किया जाए।

प्रमुख सचिव ने प्रदेश में कार्यरत 155 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं से आए केमिस्ट्स और सहायक केमिस्ट्स से कहा कि स्वच्छ जल सभी को मिले, यह विभाग की अहम जिम्मेवारी है। इसके लिये जल स्रोतों की समय-समय पर जाँच कर जल गुणवत्ता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

इस अवसर पर प्रमुख अभियंता सलाहकार  के.के. सोनगरिया, संचालक  व्ही.एस. सोलंकी सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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