महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता का अभाव- डॉ. नम्रता
रायपुर
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवारत एनएचएमआई न केवल राजधानी में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं दे रहे हैं बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को लेकर भी कई सारे कैम्पेन समय-समय पर करते रहते हैं. इस कड़ी में गुरुवार को देश भर में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता को लेकर बाइक से भ्रमण करने वाली शख्सियत डा.नम्रता से महिलाओं के समूह को रूबरू करवाया गया. काफी संख्या में जुटी महिलाओं ने जाना कि ब्रेस्ट कैंसर आखिर किन कारणों से होता है और इसके उपचार कैसे संभव हैं.
स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने वाली महिलाओं की काफी बड़ी उपस्थिति एनएचएमआई परिसर में रही. रायपुर महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी दीप्ति दुबे भी इस मौके पर विशेष तौर पर उपस्थित थीं. डा. नम्रता वैसे तो भिलाई की हैं लेकिन वे फिलहाल बैंगलोर में रह रही हैं. एक जुनून है उनमें जिसे लेकर वे बाइक से ही देश के विभिन्न राज्यों में भ्रमण कर रही है और महिलाओं में होने वाली ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जन जागरूकता अभियान में निस्वार्थ भाव से लगी हुई हैं. अब तक वे इस अभियान को लेकर 14 हजार किलोमीटर का सफर पूरा कर 12 राज्यों तक पहुंच चुकी हैं.
स्कूल-कॉलेज या कहीं पर आयोजन भी हो रहे हैं तो वे पहुंच जाती हैं और अपनी बात रखती हैं. छत्तीसगढ़ के एनएचएमआई पहला हास्पिटल हैं जहां वे इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं. डा. नम्रता यह भी कहती हैं कि भारतीय महिलाओं में उन्होने पूरी तरह जागरूकता का अभाव देखा है इसलिए भी इसकी संख्या में इजाफा हो रहा है. उपचार है, आप हॉस्पिटल व एक्सपर्ट तक पहुंचे तो सहीं.
एनएचएमआई के सीईओ विनीत सैनी ने इस मौके पर अपनी बात रखते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में एनएचएमआई बेहतर और अत्याधुनिक सेवाएं देने के कारण विशेष पहचान स्थापित कर चुकी है. जो तकनीक व सुविधाएं यहां मिल रही है वह मेट्रो सिटी के माफिक है. जिससे अब उन्हे किसी भी बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए इलाज कराने बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हार्ट सर्जरी में उनके यहां जटिल से जटिल प्रकरणों का भी सफलतम उपचार हुए हैं। जिसमें नवजात शिशु से लेकर 98 वर्ष के बुजुर्ग की सर्जरी हुई है. न्यूरोलाजी और नेफ्रोलाजी में भी बेस्ट चिकित्सा सुविधाएं हैं। अत्याधुनिक कैंसर यूनिट भी शुरू हो चुकी है.
कैंसर विशेषज्ञ डा. मौराय ने कहा कि आज महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी बढऩे लगी है। यदि आनुपातिक रूप से देखें तो 8 में से 1 केस ब्रेस्ट कैंसर का ही मिलेगा. इसके कारणों को भी जानना उनके लिए आवश्यक है जैसे कि जल्दी मोनोपास हो जाना, लंबे समय तक जारी रहना, वंशानुगत, ब्रेस्ट फीडिंग (स्तनपान न कराना) ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण बनते हैं. आज इसका उपचार है लेकिन बीमारी को छिपाने या डरने की जरूरत नहीं हैं.
बेहतर होगा पहले अपनी इन समस्याओं को परिवार व मित्रों के साथ ही साझा कर लें. विदेशों में आज महिलाएं 50 का उम्र पार होने के बात नियमित ब्रेस्ट की स्क्रीनिंग (जांच) करा लेते हैं जिससे संभावित कारणों का पता चल जाता है. मैडम महापौर दीप्ति दुबे ने संक्षिप्त उद्बोधन में एनएचएमआई के इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य को लेकर इस प्रकार के अवेयरनेस प्रोग्राम नियमित होते रहने चाहिए. महिलाओं से भी उन्होने अपील की बगैर झिचक डाक्टर्स तक पहुंचे और खुद भी स्वस्थ रहें और परिवार को भी खुशहाल रखें. इस मौके पर एनएचएमआई परिसर में काफी संख्या में लोग उपस्थित थे और सभी ने इस कार्यक्रम की सराहना की.