पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाले में 31 दोषी करार, पांच साल चली गवाही
भोपाल
मध्य प्रदेश में 2013 के दौरान आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी को लेकर सीबीआई अदालत ने गुरुवार को 31 लोगों को दोषी करार दिया। दोषियों को 25 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी। घोटालों के लिए चर्चित मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) की देखरेख में यह परीक्षा हुई थी। सीबीआई के विशेष अपर लोकअभियोजक सतीश दिनकर ने बताया कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसबी साहू की अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी करार दिया।
इनमें 12 बहुरूपिये (दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले) और सात दलाल (परीक्षार्थियों से पैसे लेकर पास करवाने वाले) शामिल हैं। दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले 6-6 बहुरूपियों को भोपाल और दतिया से गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि 2013 की पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 7122 पदों के लिए हुई थी जिसमें कई पद शामिल थे।
पांच साल चली गवाही
इस मामले में गवाही 2014 में शुरू हुई जो पांच साल तक चली। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए 91 गवाह और कई साक्ष्य पेश किए। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
क्या है व्यापम घोटाला
व्यापम घोटाले का संबंध भर्तियों में होने वाली धांधली से है। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) की ओर से दाखिलों से लेकर राज्य सेवा की भर्तियों तक की परीक्षा कराई गई और जमकर घोटाला किया गया। हालांकि व्यापम का नाम बदलकर अब मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड कर दिया गया है। व्यापम के सफर की शुरुआत 1982 से हुई जब प्री-इंजिनियरिंग बोर्ड को प्री-मेडिकल बोर्ड के साथ मिला दिया गया। दोनों को मिलाकर व्यावसायिक परीक्षा मंडल का गठन किया गया।
व्यापम के अन्य घोटालों जांच
व्यापम घोटाले से संबंधित 10 मामलों की जांच एजेंसियां कर रही हैं जिसमें से तीन का संबंध मेडिकल प्रवेश परीक्षा से, तो सात का संबंध नौकरी भर्ती परीक्षा से है। 2004 से अब तक व्यापम करीब 100 भर्ती और प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करा चुका है।
अयोग्य को बनाया डॉक्टर
व्यापम से जुड़े लोगों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में जमकर धांधली की। साल 2008 से 2013 के बीच में 1087 से ज्यादा अयोग्य छात्रों का मेडिकल कॉलेज में दाखिला हुआ। असल परीक्षार्थी की जगह किसी और को बैठाकर, नकल कराकर, खाली आंसर शीट छोड़वाकर और फर्जी नंबर दिलाकर ये दाखिले कराए गए।
25 से ज्यादा लोगों की मौत
व्यापम के कई अन्य घोटाले से जुड़े 25 से ज्यादा लोगों की अब तक रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। व्यापम घोटाले के सभी मामले में अब तक 850 मामले दर्ज किए गए हैं, 1800 से ज्यादा लोग जेल में बंद हैं। 3,000 हजार लोगों को नामजद किया गया है जिसमें से 500 लोग फरार बताए जा रहे हैं।