November 22, 2024

राम मंदिर निर्माण के पक्ष में बोलने वाले ये मुस्लिम नेता थे अगला टारगेट

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 लखनऊ 
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपनी जान का खतरा बताते हुए कहा कि हिन्दू  समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उन्हें भी वाट्सअप पर मैसेज भेज कर जान से मारने की धमकी दी गई थी । इसके साथ ही दिल्ली से उनका अपहरण करने की कोशिश भी की गई। इन साजिशकर्ताओं के तार गुजरात से ही जुड़े हैं। इस सम्बन्ध में दिल्ली कमिश्नर को सूचना दे दी गई है।

असल में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद राम मंदिर बनाने की बात करने वाले और मदरसों के खिलाफ बोलने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी हत्यारों के निशाने पर थे। वसीम रिजवी ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के अगले दिन 19 अक्तूबर को उनको वाट्सअप पर मैसेज भेज कर जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है। अभी हाल ही में राम जन्मभूमि पर वसीम रिजवी ने एक फिल्म भी बनाई है जबकि रसूल की पत्नी को लेकर वह एक फिल्म बना रहे हैं। वसीम रिजवी ने बताया कि इसे लेकर मुम्बई के एक मौलाना ने उनका सिर काटने पर इनाम भी रखा है। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी मुसलमान उनकी जान के दुश्मन बनें हुए हैं। वसीम रिजवी का कहना है कि किसी की जान लेने वाला मुसलमान हो ही नहीं सकता है।

अब तक आठ गिरफ्तार

तिवारी की हत्या के दूसरे दिन 19 अक्तूबर को ही यूपी पुलिस ने गुजरात एटीएस की मदद से सूरत में साजिश रचने वाले मो. मोहिसन, फैजान और रशीद पठान उर्फ राशिद को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद हत्यारों की मदद करने वाले आसिम अली को नागपुर से पकड़ा गया। फिर बरेली के मौलाना सैय्यद कैफी अली रिजवी को पकड़ा गया। मौलाना के पकड़े जाने के दूसरे दिन ही सूरत में दोनों आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन भी गिरफ्तार कर लिए गए। इसके बाद वकील नावेद को गुरुवार को पकड़ा गया और शुक्रवार को उसकी गिरफ्तारी दिखा दी गई।

आमना-सामना कराया तो कई नाम सामने आए

एटीएस सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को दो दिन की रिमाण्ड पर अशफाक और मोइनुद्दीन मुख्यालय लाए गए। यहां पर तीन बार में पूछताछ हुई और ऐसे ही अलग-अलग आमना-सामना कराया गया। पहले सूरत से पकड़े गए तीन आरोपियों से हत्यारों का सामना हुआ, फिर हत्यारों और वकील के बीच इसके बाद वकील और तीन साजिशकर्ताओं को एक दूसरे से रू-ब-रू कराया गया। करीब तीन घंटे तक दर्जनों सवाल-जवाब हुए। इस दौरान ही ट्रेन में मोबाइल रखने वाले का नाम कामरान बताया गया। बरेली में नया मोबाइल और 10 हजार रुपये देने वाले दो युवकों के नाम रईश और शेख के रूप में आए। इसी तरह नेपाल में दोनों आरोपियों की मदद करने वाले तनवीर की भूमिका को विस्तार से बताया। इसके बाद ही एटीएस ने इन चारों के अलावा एक दर्जन लोगों के बारे में बरेली पुलिस को सूचना दी।

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