November 22, 2024

प्रदीप हिरासत में, हत्यारे ने इस्तेमाल किया था इनका फोन: कमलेश तिवारी हत्याकांड

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कानपुर देहात 
लखनऊ में हिंदू समाज के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में उत्तर प्रदेश की पुलिस भले ही अभी असली हत्यारों तक नहीं पहुंच पाई लेकिन हत्या के तार गुजरात के बाद अब कानपुर देहात से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. कमलेश तिवारी के हत्यारे गुजरात से आए जरूर थे लेकिन उनकी कार्यशैली से लगता है कि वे जानबूझकर यूपी के कई जिलों से जुड़े रहे.

STF की टीम ने प्रदीप को हिरासत में लिया
हत्यारों ने किसी जिले से सिम खरीदा तो किसी जिले में सिर्फ घूमने पहुंच गए. इसी तरह कानपुर देहात के रूरा के रहने वाले प्रदीप सिंह यादव का नाम भी हत्यारों से संबंध में जुड़ गया है. हालांकि कानपुर देहात के प्रदीप का हत्यारों से कैसे संबंध थे, इसका अभी खुलसा नहीं हुआ है. प्रदीप मुंबई में बिजनेस करता है, उसको दो दिन पहले स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम रूरा से रात में उसके घर से उठा ले गई और उससे पूछताछ की जा रही है. उसका हत्यारों से क्या लिंक निकला अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है.

हत्यारों ने ट्रेन में इस्तेमाल किया था प्रदीप का फोन
एसटीएफ के सूत्रों से जानकारी मिली है कि हत्यारों ने प्रदीप से ट्रेन में दोस्ती करके उसका फोन इस्तेमाल किया था. प्रदीप की बहन से जब इस बारे में बातचीत की गई कि उसके भाई को एसटीएफ की टीम कब और कैसे ले गई तो उन्होंने बताया कि दो दिन पहले कुछ लोग सादी वर्दी में आए और प्रदीप को उठाकर ले गए. उन्होंने इस बात की कोई जानकारी नहीं दी थी कि वह प्रदीप को कहां लेकर जा रहे हैं.

प्रदीप की बहन ने बताया कि मेरा भाई मुंबई में रहता है और बड़े भाई के साथ बिजनेस करता है. उन्होंने कहा कि सादी वर्दी में आए लोग प्रदीप को घर से ले गए इस बात की सूचना रूरा थाने में दे दी गई है. उन्होंने कहा कि मेरे भाई की जो जांच करना हो कर लें. हालांकि कानपुर देहात पुलिस इस पर कुछ नहीं बता रही है.

कमलेश के कातिलों पर ढाई लाख का इनाम घोषित
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने सोमवार को कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपी दो संदिग्धों पर 2.5-2.5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया है. बता दें कि कमलेश तिवारी की शुक्रवार को हत्या कर दी गई थी. डीजीपी ने कहा कि दोनों हत्यारों के ठिकानों की सूचना देने पर इनाम दिया जाएगा.

सीसीटीवी से हुई हथियारों की पहचान
पुलिस ने दोनों हत्यारों की पहचान अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान के रूप में की है, जो हत्या करने से एक दिन पहले लखनऊ के एक होटल में ठहरे थे. वह हिंदू समाज के नेता कमलेश तिवारी की हत्या करने के एक घंटे के अंदर ही होटल से फरार हो गए थे. होटल के कमरे में खून से सना भगवा कुर्ता समेत अन्य चीजें बरामद हुए.

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