November 22, 2024

रेत परिवाहंनकर्ताओ की लगातार 5 मौतों के बाद भी नहीं जागी सरकार की संवेदना :भूखो मरने की कगार पर मोटर मालिको का परिवार

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रायपुर। छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ के सदस्य इन दिनों काफी परेशान है परेशानी का कारण कोई और दूसरा नहीं एनजीटी और इसके बाद भी इन्हें सरकार का कोई भी समर्थन नहीं मिल पा रहा है उल्टे सरकार के विभागों से परेशान होकर परिवहन संघ के सदस्य आत्महत्या तक करने को विवश हो रहे हैं।छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ के सदस्यों की व्यथा बताने के लिए आज गिरधारी लाल सोनवानी अध्यक्ष छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ रायपुर प्रेस क्लब पहुंचकर मीडिया कर्मियों के साथ अपनी व्यथा बताई उन्होंने बताया कि विगत जून से अब तक एनजीटी के कारण छत्तीसगढ़ की रेत घाट बंद कर दी गई लेकिन रेत परिवहन में लगी छत्तीसगढ़ की लगभग 14000 वाहनों के लिए सरकार ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है जिसके चलते लगभग 56000 परिवार प्रभावित हो गए हैं। सोनवानी ने बताया कि अधिकांश रेत परिवहन वाहन फाइनेंस पर ली गई है और घाट बंद हो जाने के कारण वाहन मालिकों के सामने क़िस्त अदायगी के लिए भी समस्याएं खड़ी हो गई है जिससे अधिकांश वाहन मालिक परेशान। इन परेशानियों के चलते अब तक पांच वाहन मालिकों ने आत्महत्या भी कर ली लेकिन इसके बाद भी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।

सोनवानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि माइनिंग अमला भी वाहन मालिकों को इस तकलीफ के समय में परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कभी ओवरलोडिंग के नाम पर फाइल तो कभी कुछ और के नाम पर यहां तक की रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम पर5000 फाइन के तौर पर अवैध तरीके से दान करवाया जा रहा है।सोनवानी ने धमतरी जिले की बात करते हुए बताया कि धमतरी जिले में पुलिस ने रेत वाहनों को पकड़ कर थाने में अवैध रूप से परेशान किया जा रहा है यहां तक कि रेत परिवहनकर्ता को रेत माफिया भी घोषित किया जा रहा है।सोनवानी ने बताया कि छत्तीसगढ़ रेत परिवहन संघ ने तीन बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर परिवहन वाहनों के लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात की थी लेकिन परिणाम शून्य रहा।उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में रेत परिवहन संघ के सदस्यों की जो हालत है उस हालत को देखते हुए सरकार को तत्काल इनके लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए परंतु सरकार की अनदेखी के चलते आज बड़ी संख्या में परिवारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या आन पड़ी है ऐसे नहीं संघ के सदस्य डिप्रेशन में जाकर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।

क्रमशा: अगले अंक में पढ़े कौन मांग रहा पैसा ,कौन कर रहा भयभीत,  रेत के खेल में कौन कौन है शामिल 

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