ओ.पी चौधरी में राजनैतिक परिपक्वता का नितांत अभाव
रायपुर/04 मई 2019। प्रशासनिक नौकरी से पलायन कर नव भाजपाई बने ओपी चौधरी के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल पूछने को चौधरी की राजनैतिक अपरिपक्वता और बचकानेपन का जीताजागता सबूत निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ओपी चौधरी में राजनैतिक परिपक्वता और समझदारी का नितांत आभाव है। जो व्यक्ति अनेक जिलों में कलेक्टर रहा हो तथा विधानसभा चुनाव में तत्कालीन सत्तारूढ़ दल का प्रत्याशी रहा हो वह चुनावी सभा में क्षेत्र के मतदाताओं से उसके पक्ष में मतदान न करने पर कहर बरपाने की धमकी देने का दुस्साहस करता हो उससे राजनैतिक परिपक्वता की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। ओपी चौधरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल पूछने के पहले आत्म अवलोकन करें। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को रोकने की चौधरी की याचिका को खारिज कर जांच जारी रखने के आदेश दिये है। चौधरी बतायें उनकी नौकरी छोड़ कर भाजपा में प्रवेश की वजह यही भ्रष्टाचार तो नहीं थी? क्या ओपी चौधरी अपने ऊपर लगे गंभीर आर्थिक गड़बड़ियों के आरोपों के बचाव के ढाल के रूप में भाजपा की राजनीति को चुना है? जांगला में इजूकेशन सिटी बनाने के लिये देश के कानून के खिलाफ और सर्वोच्च न्यायालय के स्थापित आदेशों के खिलाफ छोटे-बड़े पेड़ों के जंगल को क्यों कटवा डाला था? ओपी चौधरी बतायें जिलाधीश रहते उन्होने माइनिंग डेवलेपमेंट फंड (एम.डी.एफ.) के करोड़ों रू. की राशि बंदरबांट क्यों की? एमडीएफ की राशि पर तो खनन के परिणाम स्वरूप उस क्षेत्र के विस्थापित ग्रामीणों का अधिकार होता है। एमडीएफ की राशि खनन से प्रभावित होने वालों के विकास में खर्च किये जाने का प्रावधान है। ओपी चौधरी बतायें कि एमडीएफ की राशि को शहरी विकास में खर्च उन्होंने किस लालच में और किनके इशारे पर किया था?
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राजनीति में ओपी चौधरी के प्रवेश का उद्देश्य संदिग्ध था और खरसिया की जनता ने उनका प्रतिकार कर यह बता भी दिया कि कोई व्यक्ति राजनीति की आड़ लेकर अपने गलत कार्यो को दबाने की कितनी भी कोशिश कर लें वह सफल नहीं हो सकता।