गरीबो के लिए बना बीएसयूपी मकान निगम के मापदंडो के विपरीत अब बिक्री के लिए व किराए पर उपलब्ध, महापौर प्रमोद दुबे ने कहा मुझे इसकी जानकारी नही
रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गरीब निराश्रित लोगो के लिए शासन द्वारा मकान निर्माण कराया गया ,और निगम के मापदंडो के अनुरूप आश्रितों को मकान दिया गया ,अब वही मकान के आश्रित अपने मकानों में किरायेदारो को तीन से चार हाजर रूपये महीने में युपी बिहार से आये लोगो को दे रहे ,वही कुछ मकान मालिक ढाई से तीन लाख रुपए में शासन द्वारा दिए गए bsup मकानों को बिक्री खरीदी का मामला इन दिनों जोरो पर है ,मामला टाटीबंध रायपुर शिवनाथ हुंडई शो रूम के पीछे शासन ने मकानों का निर्माण कराया गया पर अब वही मकान बिक्री के लिए उपलब्ध है यहाँ पर कई ऐसी बिल्डिंगे है जिनमे लोग किराए से रह रहे ,यदि जाँच की जाए तो किसी का आधार कार्ड बिहार तो किसी का उत्तरप्रदेश से जारी हुआ है ,परंतु गंभीरता की जगह सब को ज्यदा पैसो का लालच दे कर मकान अपने नाम कराने की होड़ सी मची हुई है ,कई मकान तो मकान के आश्रित की जगह शहर के अंदर बैठे दलाल मुह मांगे दामो पर यहाँ बेच रहे ,मकान का वास्तविक स्वरुप बदल कर बाकायदा टाइल्स,महंगे दरवाजे ,पी ओपी करवा कर यही दलाल किसी तीसरे व्यक्ति को और मंहगे दाम पर बेच रहे ,वही यहाँ पर रहने वाले किरायेदारो का न तो पुलिस वेरिफिकेशन हुआ न ही रायपुर शहर की सुरक्षा का किसी को ख्याल है ,यदि बाहर से अए लोगो द्वारा कोई घटना कारित की जा जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ?
सूत्रों की माने तो इस मकान की अदलाबदली में निगम के कुछ कर्मचारियों का समर्थन मिल हुआ है ,रोजमर्रा की जिंदगी और रोज कमाने खाने वालो को एक मुस्त ढाई से तीन लाख रूपये की रकम मिल रही जिस से अब मकान में कोई रहना ही नहीं चाहता कुछ लोग अपने मकानों को तीन से चार हजार रुपए महीने पर भाड़े में दिए हुए है ,यदि प्रशासन इस पर कार्यवाही नहीं करता तो निश्चय ही गरीबो को दिए जाने मकानों पर पैसे वालो का कब्ज़ा होगा ,
इनका कहना है ….
मुझे इस बारे में जानकारी तो नहीं है ,यदि मकान किराए पर या बिक्री किए जा रहे है तो निश्चित तौर पर इस पर कार्यवाही होगी
प्रमोद दुबे
महापौर रायपुर