मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने असत्य कथन और झूठे बयान देकर संसद के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। अजय माकन
रायपुर। राफेल घोटाले को लेकर आज कांग्रेस पार्टी ने फिर केंद्र सरकार को घेरा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने आज कहा कि राफेल घोटाला भारत का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने असत्य कथन और झूठे बयान देकर संसद के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को लेकर जे पी सी की मांग की है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय माकन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस ली…अजय माकन के मुताबिक 12 दिसंबर 2012 को राफेल डील के अंतर्गत 526 करोड़ रुपए की लागत से 126 राफेल विमान खरीदने थे…10 अप्रैल 2015 को राफेल की कीमत 526 करोड़ रुपए से बढ़कर 1671 करोड़ रुपए हो गई..हर जहाज के हिसाब से 1144 करोड़ रुपए ज्यादा दिए गए..41205 करोड़ रुपए का घोटाला राफेल के प्राइस में किए गए है..मार्च 2013 को कांग्रेस सरकार के समय राफेल के निर्माता वर्कशेयर का अग्रीमेंट HAL के साथ हुआ था..जो कि 30 हजार करोड़ रुपए का था…लेकिन 30 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया गया..10 अप्रैल 2015 यानी 28 मार्च 2015 को दिया गया…इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन 2 हफ्ते पहले ही हुआ है…1 लाख रुपए करोड़ रुपए का काम मेंटनेंस का काम भी रिलायंस की कंपनी को मिला है…कांग्रेस ने इसे अपने मित्र पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस तरह का काम किया है…इसके लिए न तो पीएसी, न ही डिफेंस मिनिस्टर न ही फाइनेंस मामले के सलाहकारों से इस बारे में कोई चर्चा की गई…कांग्रेस ने इसे राष्ट्र सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना बताया है…कांग्रेस के मुताबिक 126 हवाई जहाजों के बदले डिफेंस प्रेक्योरमेंट कमेटी के परमिशन के 36 हवाई जहाजों का सौदा क्यों हुआ? कांग्रेस ने उन बातों का खंडन भी किया है कि जिसमे मोदी सरकार ये कह रह है कि उसने हवाई जहाज सस्ते में लिया है..कांग्रेस के मुताबिक राफेल के लिए कांग्रेस सरकार के समय 18 निर्मित विमान आने थे जबकि 108 हवाई जहाज टेक्नोलॉजी के साथ HALऔर डिसॉल्ट मिलकर बनाती…. कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी ने बेंच मार्क प्राइस को बढ़ाकर इस हवाई जहाज को महंगे दामों में खरीद लिया
प्रेस वार्ता के प्रमुख अंश
सुप्रीमकोर्ट का फैसला ये कहता है की ये उनके दायरे में नही आता है। वो सात पॉइंट क्या है जिनमे राफेल की गड़बड़ी हुई है।
1. 126 राफेल के टेंडर खुले थे 526 करोड के थे, जब मोदी ने इसकी घोषणा की तो इसकी कीमत बढ़ा दी गई।
2. 41205करोड़ का घोटाला किया गया।
3. 13 मार्च 2014को दसॉल्ट का संझौता हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स के सातब हुआ था, लेकिन इसको चेंज कर रिलायंस कंपनी को दे दिया गया। ये भ्रष्टाचार नही है तो क्या है। इसके साथ मेंटेनेंस का भी काम मिल गया है। 171000 करोड से भी अधिक का घोटाला है।
4. 10 अप्रैल 2015 को इसका अनाउंसमेंट हुआ था किसी से परमिशन नही ली गई, ये राष्ट्र के साथ धोखा है।
5. एयरफोर्स को 126 विमानों की जरूरत थी तो ये बिना किसी की इजाजत के 36 कैसे हो गया।यदि भारत में ये बनता तो भारत में रोजगार बढ़ता टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होता।
6. सौदे का बेंचमार्क बढ़ा दिया गया।
सुप्रीमकोर्ट ने भी ये कहा की ये उनके कार्यक्षेत्र में नही है। ये नही कहा की भ्रष्टाचार नही हुआ।