बिस्तरों-तकियों में छिपे 85 पैसा बाहर लाने की नोटबंदी – मोदी
बिलासपुर की विशाल जनसभा में विपक्ष को दिया पहली बार करारा जवाब
रायपुर/बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पहली बार बिलासपुर में नोटबंदी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी विरोधियों को करारा जवाब दिया और कहा कि फर्जी कंपनियों और फर्जी कारोबार का भांडा नोटबंदी के कारण ही फूटा। बिना नाम लिए श्री मोदी ने कहा कि रुपयों की हेराफेरी करने के कारण मां-बेटे को जमानत लेनी पड़ी है। हमलावर होते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग फर्जी कारोबार और रुपयों की हेराफेरी के लिए जमानत पर हैं, वे हमें ईमानदारी का प्रमाण पत्र दे रहे हैं!
प्रधानमंत्री ने सोमवार को बिलासपुर में भारतीय जनता पार्टी की विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा देश और छत्तीसगढ़ प्रदेश को विकास की ऊंचाई पर ले जाने प्रतिबद्ध है। इसीलिए हमने विकास के मंत्र को अपनाया और तेज गति से चहुंमुखी विकास को अपना लक्ष्य बनाया। श्री मोदी ने कहा कि चुनाव पहले भी होते रहे हैं, पर वे चुनाव जाति-बिरादरी और परिवार के नाम पर ही लड़े जाते रहे। मेरे-तेरे की लड़ाई में अमीर-गरीब की खाई बढ़ गई और गांव-गरीब को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया लेकिन भाजपा ने तय किया कि अगर इस देश को विकास की ऊंचाई पर ले जाना है तो सारे भेदभाव से उबरकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आज हिंदुस्थान का गरीब-से-गरीब आदमी भी जागरूक है और विकास चाहता है। वह अपनी आने वाली पीढ़ी को गरीबी के अभिशाप से मुक्त करना चाहता है। भाजपा इन गरीब परिवारों की इसी आकांक्षा की पूर्ति कर गरीबी मिटाने के संकल्प के साथ-काम कर रही है।
छत्तीसगढ़ में चल रहे विकास कार्यों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने हर कसौटी पर, विकास के मुद्दे पर परिणाम हासिल किए हैं। छत्तीसगढ़ ने मिसाल पेश की है कि उज्ज्वल भविष्य के लिए विकास गाली-गलौज, उलजलूल बातों से नहीं होता, वरन निरंतर कार्य करने से होता है। हमने विकास की अनेक ऊंचाइयों को पार किया है। प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्यों अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ बीमारू हिस्सा था? हमारे विरोधी हमारे काम की शैली समझ नहीं पाए हैं, क्योंकि हमारी राजनीति गरीब की झोपड़ी से शुरू होकर समृद्धि की राह पर चलती है जबकि विरोधियों की राजनीति एक परिवार से शुरू होकर उनके ही लिए चलती है। श्री मोदी ने कहा कि गरीबी दूर करने के लिए कांग्रेस के पास न कोई नीति थी और न ही नीयत। केन्द्र सरकार की चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उज्जवला गैस कनेक्शन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना जन-धन खाते और आयुष्मान योजना आदि का उल्लेख किया और कहा कि चार साल में हमने गरीबों के लिए जितने घर बनाए, कांग्रेसी रफ्तार में उतने घर बनाने में 30 साल लग जाते। जन-धन योजना में छत्तीसगढ़ में 1.20 करोड़ खाते खुले। इसी तरह पहले की तुलना में रेल, स्कूल, सड़क, आईआईटी, आईआईएम ज्यादा तेज गति से खुले हैं। ये रुपये आए कहां से? ये रुपए देश की जनता के ही हैं जो पहले किसी के बिस्तर के नीचे थे तो किसी के तकिए में। आपके इन्हीं रुपयों को आपके ही तेज विकास के लिए खर्च करने का बीड़ा हमने उठाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश के स्वाभिमानी आम आदमी के सपने भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं, जितने किसी अमीर के। लेकिन जिनको भ्रष्टाचार के अलावा और कुछ करना ही नहीं आता, ऐसे लोगों से देश को ज्यादा अपेक्षा नहीं है। नक्सलियों को क्रांतिकारी बताने पर कांग्रेस को फिर एक बार उन्होंने तीखे लहजे में आड़े हाथों लिया और कहा कि हमने बीड़ा उठाया है कि बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, किसान को सिंचाई और बुजुर्ग को दवाई के लिए मोहताज न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ 18 वर्ष का हो गया है। 18 वर्ष के छत्तीसगढ़ के सपनों को पूरा करने, उसकी चिंता करने जिम्मेदारी प्रदेश की जनता की है, क्योंकि वही इस प्रदेश का अभिभावक है। छत्तीसगढ़ को कैसे आगे बढ़ाना है, यह चिंतन करने की घड़ी आपके सामने आई है। हमारा छत्तीसगढ़ अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी सामथ्र्य के साथ आगे बढऩे में विश्वास रखता है। आपकी जिम्मेदारी में कोई भेद न लगा दे, छत्तीसगढ़ को विकास की राह से न भटका दे, इसलिए कमल फूल पर बटन दबाकर भारतीय जनता पार्टी को जिताएं और पूरे छत्तीसगढ़ को एक बार फिर कमल के रंग में रंग दें।
बिलासपुर से जुड़ी यादे साझा की
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में पुराने दिनों को याद किया और कहा कि बिलासपुर की धरती में मुझे संगठन का कार्य करने का सौभाग्य मिला और बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने छत्तीसगढ़ के भाजपा कार्यकर्ताओं के एक गुण का उल्लेख किया कि अभिभाजित म.प्र. के समय अभाव के बावजूद कार्यकर्ताओं के स्वभाव में कोई कमी या निराशा नहीं दिखती थी। इसीलिए छत्तीसगढ़ में भाजपा को बार-बार जनता का आशीर्वाद और सेवा का सौभाग्य मिला। इसके पीछे हमारे वे ही कार्यकर्ता हैं जो जनता-जनार्दन और सरकार के बीच समस्याओं के समाधान के लिए मजबूत कड़ी के तौर पर प्रयास करते हैं। धान का कटोरा कहकर श्री मोदी ने यहां के दुबराज चावल की महक को महसूस कराया और कहा कि काले सोने की यह धरती अपनी ऊर्जा और रोशनी से पूरे हिन्दुस्थान को प्रकाशित कर रही है। यहां की संत-परम्परा का स्मरण कर प्रधानमंत्री ने सतनाम परम्परा और संतों की भूमि भी छत्तीसगढ़ को बताया।
पहले मतदान, फिर जलपान
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान के प्रति बढ़े रुझान की चर्चा करते हुए कहा कि दीपावली के तुरंत मतदान को लेकर जो चिंताएं जताई जा रही थीं, बस्तर समेत सभी 18 विस निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों ने भारी संख्या में मतदान केन्द्र पहुंचकर उन चिंताओं को दूर कर दिया है। उन्होंने मतदान को लोकतंत्र का उत्सव और प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य बताते हुए छत्तीसगढ़ में मतदान का नया रिकॉर्ड बनाने की अपील की। इसके लिए उन्होंने निर्वाचन आयोग की भूमिका को भी जी-भर सराहा और लोगों से अपील की- पहले मतदान फिर जलपान।
घोषणा पत्र को लेकर साधा निशाना
कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र की चर्चा करते हुए श्री मोदी ने कांग्रेस नेतृत्व पर कटाक्ष किया। इसे जारी करते समय नामदार को सवा सौ बार सर-सर कहने पर चुटकी लेते हुए कहा कि इससे स्पष्ट हो जाता है कि कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ का कम और नामदार का ज्यादा महत्व है। भाजपा के संकल्प पत्र की चर्चा कर श्री मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास की नई योजनाएं स्वीकार हो रही हैंं। लघु व सीमांत कृषकों के लिए पेंशन का संकल्प व्यक्त करने पर प्रधानमंत्री ने प्रदेश भाजपा को बधाई दी।
नोटबंदी पर पहली बार दिया विपक्ष को करारा जवाब
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने बिलासपुर के सभा में नोटबंदी पर मंच से पहली बार विपक्ष को करारा जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि एक परिवार की तीसरी पीढ़ी के प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से निकला एक रुपया लोगों तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे रह जाता है। उन्होंने पूछा, यह कौन-सा पंजा था जो एक रुपए को 15 पैसे में बदल देता था? वह कैसा पंजा था जो रुपए को घिस-घिसकर 15 पैसे बना देता था? भाजपा की केन्द्र सरकार ने उन्हीं 85 पैसों को नोटबंदी के जरिए बाहर निकाला और मां-बेटे को जमानत लेनी पड़ी। आज वे लोग हमें ईमानदारी का सर्टीफिकेट दे रहे हैं! बिस्तरों-तकियों में छिपे ये 85 पैसे ही हमने नोटबंदी करके निकाले।