योग प्राण विद्या पर कार्यशाला 9 को
रायपुर । योग प्राण विद्या योगाभ्यास नहीं है। प्राण का अर्थ ऊर्जा और विद्या का अर्थ तकनीक से है। योग प्राण विद्या में ऊर्जा से समस्याओं का निराकरण किया जाता है। वर्तमान में बच्चों का पालन-पोषण और विकास समस्या है। बढ़ते अपराध, ग्लोबल वार्मिंग, जातिवाद, वर्ग संघर्ष, तनाव, डिप्रेशन से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से 9 सितंबर को निरंजन धर्मशाला में एक सेमिनार रखा गया है। ये बातें योग प्राण विद्या संस्थापक एनजी रेड्डी ने कही। उन्होंने कहा कि मैं शिक्षा से इंजीनियर हूं, वायु सेना में कार्य किया और प्राध्यापक भी रहा। विश्व की समस्याओं को देखते हुए मानवता के लिए मैंने 21 वर्ष तक सेवा देने के बाद एच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। योग प्राण हफ्ते में एक दिन करना पर्याप्त होता है। इसके लिए सेमिनार में विस्तार से बताया जाएगा। सेमिनार 4 से 7बजे तक चलेगा। जिसका प्रवेश शुल्क 2 सौ रुपए प्रति व्यक्ति रखा गया है। मीडिया के लिए नि:शुल्क व्यवस्था है, इसके लिए पास भी जारी किए गए हैं।