एनीकट पार कर रहे मजदूरों ने वापस लौट बचाई अपनी जान,कन्हर नदी में आई अचानक बाड़
रामानुजगंज- जिले में भारी वारिस के कारण सभी नदी नाले उफान पर हैं। आज अचानक कन्हर नदी में बाढ़ आ जाने से एनीकट को पार कर रहें चार मजदूरों ने वापस लौट कर अपनी जान बचाई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कन्हर नदी पार झारखंड प्रदेश के गढ़वा जिला के रंका एवम भंडरिया थाना अंतर्गत आने वाले ग्रामो के मजदूर प्रतिदिन रामानुजगंज में मजदुरी करने एनीकट पार कर आते जाते हैं। आज सुबह लगभग 09 बजे के करीब रामानुजगंज आने के लिए मजदूर एनीकट पार कर रहें थे। वहीं आधा से कम एनीकट पहुंचे ही थे की पानी का आवाज सुन जब दक्षिण दिशा की ओर नजर पड़ी तो पांच फीट ऊँचा पानी का बहाव देख उल्टा पाव भाग खड़े हुए जिसके कारण उनकी जान बच गई नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। जल संसाधन विभाग द्वारा बरसात के दिनों में एनीकट पर आवागमन रोकने के लिए कोई कारगर पहल नहीं कि गई हैं जिसके कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता हैं। एनीकट निर्माण में अब तक लगभग सात करोड़ रुपये खर्च ही चुके हैं और विगत छःसाल में भी कार्य पूर्ण नही हो सके हैं। घटिया एनीकट निर्माण के कारण आज नगर की जनता को भारी परेशानियों का जहां सामना करना पड़ रहा है वहीं गन्दा पानी भी पीना पड़ रहा है। नगर के निर्वाचित एवं मनोनीत जनप्रतिनिधियों को जीवंत व्यक्तियों को छोड़ मृत व्यक्तियों की चिंतन में लगे हुए हैं। और समन्धित विभाग आय दिन अननेससरी अनाप शनाप काम को दरसा कर बिल फाड़ने में लगा हुआ है। एनीकट में छः गेट लगे हुवे हैं जब कि दो ही गेट अब तक खुले हैं औऱ चार गेट आज भी बंद पड़ा हुआ है एनीकट के अंदर फकीरा नाला के मलमूत्र गिरने के कारण पूरा नाली के मलवे में तब्दीली हो चुका है बरसात के दिनों में यदि गेट को खोल दिया जाता तो सफाई हो सकती थी लेकिन विभाग की लापरवाही पर सुध भी लेने वाला कोई नहीं है। इससे यही प्रतीत होता हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छता अभियान को धत्ता बताया जा रहा है।