December 16, 2025

गोपालदास नीरज के निधन से हिन्दी कविता के स्वर्णिम युग का अंत हो गया : डॉ. रमन सिंह

0
DUKHI RAMAN


मुख्यमंत्री ने लोकप्रिय कवि श्री नीरज के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया

रायपुर,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने देश के लोकप्रिय हिन्दी कवि श्री गोपाल दास ’नीरज’ के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि श्री नीरज के निधन से आधुनिक हिन्दी कविता की विकास यात्रा के एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया। उनका निधन हिन्दी साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री ने कहा-स्वर्गीय श्री गोपाल दास नीरज ने अपनी कविताओं के माध्यम से वर्षों तक देश और समाज में मानवीय संवेदनाओं के विभिन्न रंगों को अत्यंत भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी। कवि सम्मेलनों के मंचों पर उन्हें अपार लोकप्रियता मिली। उनके अनेक कविता संग्रह भी प्रकाशित हुए। डॉ. रमन सिंह ने कहा-छत्तीसगढ़ की साहित्यिक बिरादरी और यहां की जनता के साथ भी श्री गोपालदास नीरज का वर्षो पुराना आत्मीय और भावनात्मक संबंध था। श्री नीरज ने कई बार छत्तीसगढ़ आकर कवि सम्मेलनों में अपनी कविताओं के जरिए हजारों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। ज्ञातव्य है कि भारत सरकार के पद्मश्री और पद्मभूषण अलंकरणों से सम्मानित श्री गोपालदास नीरज का आज नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया।
श्री गोपालदास नीरज का जन्म उत्तर प्रदेश के ग्राम पूर्वाली (जिला-इटावा) में चार जनवरी 1925 को हुआ था। श्री नीरज को वर्ष 1991 मंें पद्मश्री और वर्ष 2007 में पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया था। उन्हें इसके अलावा वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ की ओर से यश भारती सम्मान भी प्रदान किया गया था। श्री नीरज ने हिन्दी फिल्मों में भी कई गीत लिखे। उन्हें गीत लेखन के लिए तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार से भी उन्हें सम्मानित किया गया, जिनमें वर्ष 1970 में बनी फिल्म ’चंदा और बिजली’ का गीत काल का पहिया घूमे, वर्ष 1971 में बनी फिल्म ’पहचान’ का गीत-बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं-आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं और वर्ष 1972 में आयी फिल्म ’मेरा नाम जोकर’ का गीत-ऐ भाई ! जरा देख के चलो शामिल हैं। उनके कविता संग्रहों में संघर्ष (वर्ष 1944), ’अंतर्ध्वनि’ (वर्ष 1946), ’कारवां गुजर गया’ (वर्ष 1964) और ’फिर दीप जलेगा’ (वर्ष 1970) सहित लगभग 17 काव्य संग्रह शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *