October 23, 2024

सायबर सुरक्षा आज की बड़ी चुनौती: डॉ. रमन सिंह : मुख्यमंत्री ने सायबर सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया

0


रायपुर,मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि सायबर सुरक्षा आज के युग की एक बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए भारत सरकार ने सायबर कानून बनाया है, लेकिन इस कानून के साथ-साथ समाज में जागरूकता भी बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागृह में ’मंथन: सायबर सुरक्षा’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में कम्प्यूटर और इंटरनेट का हमारे जीवन में निश्चित रूप से बहुत महत्व है। सारे कार्य कम्प्यूटरीकृत होते जा रहे है। इंटरनेट कनेक्टिविटी गांव गांव तक पहुंच रही है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग ने बहुत से कार्यों को आसान बना दिया है। लेकिन इसके साथ सायबर सुरक्षा भी आज की बड़ी चुनौती है। इस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए। सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा किया गया। सम्मेलन में विधायक श्री श्रीचन्द सुन्दरानी, राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय मार्गदर्शक श्री इंद्रेश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष एयर मार्शल श्री आर.सी. बाजपेयी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सलीम अशरर्फी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एस.के. पाटील भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘मंथन: सायबर सुरक्षा’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक और स्मारिका ‘पùव्यूह’ का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अनेक बड़े संयंत्र दूसरे देशों के सहयोग से स्थापित किए जा रहे हैं। इनकी सायबर सुरक्षा के पहलू पर भी विचार किया जाना चाहिए। ई-ट्रांजेक्शन, ई-प्रोक्योरमेंट, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और अनुदान सहायता के भुगतान आदि के कार्य सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से काफी आसान और पारदर्शी हो गए हैं। अपराधियों की पहचान इस तकनीक के उपयोग से काफी आसान हो गयी है। सूचना प्रौद्योगिकी एक ओर तो काफी उपयोगी है, दूसरी ओर इसके गलत उपयोग से अव्यवस्था भी हो सकती है। वाट्सएप ग्रुप पर गलत संदेश से भ्रम की स्थिति बन सकती है। सायबर अपराध भी आज बढ़ रहे हैं। इस परिदृश्य में यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण बन जाता है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में शामिल हो रहे सायबर सुरक्षा विषय के विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी और युवा दो दिन तक इस गंभीर विषय पर विचार-विमर्श करेंगे, जिसके निष्कर्ष सायबर सुरक्षा की दृष्टि से काफी उपयोगी साबित होंगे। डॉ. सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सूचना क्रांति योजना के अंतर्गत प्रदेश में 50 लाख स्मार्ट फोन निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। इनमें से 40 लाख फोन महिलाओं को वितरित किए जाएंगे। प्रदेश में कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए 1500 टॉवर लगाए जा रहे है और पहले से स्थापित टॉवरों की क्षमता बढ़ायी जा रही है। ग्राम पंचायतों में कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए छह हजार किलोमीटर ऑप्टीकल फाइवर नेटवर्क बिछाया जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय मार्गदर्शक श्री इंद्रेश कुमार ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा एक बड़ी चुनौती है। गुमराह युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि विकास जीवन मूल्यों पर केन्द्रित होना चाहिए ना कि भोगवाद पर। उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नालॉजी केन्द्रित विकास में जीवन मूल्यों को कैसे बचाया जा सकता है, इस पर भी विचार किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सलीम अशरर्फी ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की छत्तीसगढ़ इकाई के संरक्षक और पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री राजीव श्रीवास्तव, अध्यक्ष डॉ. गिरीश कांत पाण्डेय, महासचिव श्री तौकीर रजा सहित मंच के अनेक पदाधिकारी, प्रबुद्व नागरिक और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *