October 23, 2024

प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान पर भारी सरपंच, शौचालय निर्माण में भारी अनियमितता

0


भानु प्रताप साहू/ हेमंत बघेल
*बलौदाबाजार*। प्रदेश भर में जिस तरह समय से पूर्व कई जिलों को ओडीएफ घोषित कर सरकार वाहवाही लूटी, इसकी हकीकत अब परत दर परत खुल रही है स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय से आज भी सुदूर अंचल के ग्राम कोषों दूर है इसकी एक बानगी कसडोल विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम नवागांव की आश्रित ग्राम तालदादर की है यहाँ के ग्रामीण सरपंच-सचिव की कारस्तानियों के कारण अपने अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ रहे है यहाँ दर्जनों ग्रामीणों के घर में सरपंच के द्वारा खुद आधी-अधूरी गुडवत्ताविहीन शौचालय का निर्माण कराया गया है जिससे ग्रामीण शौच के लिये आज जद्दोजहद कर रहे है गांव के कई ग्रामीण जब राशन कार्ड, पेंशन, शौचालय सहित कई महत्वपूर्ण काम के लिए जब पंचायत भवन जाते है तब पंचायत भवन में न ही सरपंच नजर आते है और न ही सचिव के दर्शन होते है जबकि नियमानुसार सरपंच और सचिव को गांव की समस्या का निदान के लिए प्रतिदिन पंचायत भवन में बैठना चाहिए। लेकिन सब सही की तर्ज पर सरपंच और सचिव पंचायत छोड़ अपने कार्यो में व्यस्त नजर आ रहे है तभी तो आज पूरे गांव का बंटाधार करने में पंचायत के कर्णधार लगे हुये है।


*कागजो में शौचालय*
गांव के दर्जनों लोगों के यहाँ कागजो में तो शौचालय निर्माण हो गया है लेकिन ग्रामीणों को ज्यादा जानकारी नही होने के कारण गांव के मुखिया से सवाल जवाब नही कर पाते। इसी का फायदा सरपंच के द्वारा उठाया जा रहा है। मौजूदा समय में शौचालय के नाम पर भ्रष्टाचार की इबारत जिस तरह जिम्मेदारों ने निभाया उसकी हकीकत यहाँ के पीड़ितो ने मीडिया को अपनी जुबानी बताई जिसमे लाल साय गोंड, संजय परगनिया, पदमुनि ठाकुर, बाबूलाल शीदार और उषा श्रीवास ने कहा कि उनके यहाँ सरपंच द्वारा शौचालय आधा-अधूरा निर्माण कराया जिस पर छत वा सेफ़्टी की टंकी सहित सीट भी नही लगी है जिससे कारण आज भी उनका शौचालय अधूरा पढ़ा हुआ है और उन्हें मजबूरन खुले में शौच जाना पढ़ रहा है।


*जाँच हुई तो खुलेंगे राज*
बीते 3 वर्षों में पंचायत द्वारा जितने भी शौचालय हितग्राहियों के यहाँ बनाये गए है उनमें कुछ शौचालय तो आधे-अधूरे तो कुछ स्टीमेट के विपरीत बनाया गया है यहाँ हितग्राहियों ने बताया कि उनके यहाँ जो शौचालय बनाया गया है उसकी लंबाई चौड़ाई भी छोटी है जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है यहाँ भी अन्य ग्राम पंचायत की तर्ज पर बड़े पैमाने में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है जबकि यहाँ के ग्रामीणों ने कई बार इसकी शिकायत जिले के अधिकारियों से की लेकिन कार्यवाही ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है, यहाँ के ग्रामीणों ने बताया कि उनके द्वारा कई बार शौचालय के लिए सरपंच को मौखिक सहित लिखित आवेदन भी दिया लेकिन सरपंच के द्वारा किसी भी प्रकार से पहल नही किया गया जिससे आज उसके परिवार के सदस्यों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है कुल मिलाकर यहाँ अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है और शौचालय निर्माण में जमकर धांधली किया गया है सूत्रों का दावा है कि यहाँ बने शौचालय की यदि सूक्ष्मजांच कराई जायें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
*1 वर्ष पहले ही ओडीएफ*
सम्पूर्ण ग्राम में शौच मुक्त होने का दावा कर गांव को ओडीएफ का तमगा तो पहना दिया गया। लेकिन हकीकत कुछ और ही बया करती है यहाँ ओडीएफ का मतलब Open Defecation Free अर्थात स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर गाँव आदि को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से इस योजना का आरम्भ किया गया। इस योजना के तहत गाँव एवं शहर के सभी घर में शौचालय का निर्माण किया जा जाता है, और साथ ही लोगो को इस बात की जागरूकता भी दी जा रही है की शौच के लिए शौचालय का इस्तेमाल करे इससे हमारा स्वास्थ्य एवं वातावरण स्वस्थ रहेगा | यह भारत में शुरू की गई स्वच्छ भारत मिशन जिसे स्वच्छ भारत अभियान भी कहा जाता है लेकिन ग्राम पंचायत नवागांव में इस योजना को किस तरह पंचायत के जिम्मेदारो ने कटघरे में खड़ा कर दिया यह जाँच का विषय है।
इनका कहना है..

मेरे द्वारा सभी शौचालय सही बनाये गए हैं मैं आपको और जानकारी नहीं दे सकता।
*बिहारी लाल चौहान*
*सरपंच, ग्राम पंचायत नवागांव*

सभी से प्रेम व्यवहार है आपसे भी बना लेंगे।
*उदय राम बरिया*
*सचिव*

आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुआ है शौचालय का मामला गंभीर है मैं टीम भेजकर दिखवाता हूँ और अगर लापरवाही पायी गयी तो उचित कार्यवाही की जाएगी।
*एम. चंद्रशेखर*
*मुख्य कार्यपालन अधिकारी*
*जनपद पंचायत, कसडोल*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *