रायपुर , मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम यहां अपने निवास परिसर में हमर छत्तीसगढ़ योजना के तहत रायपुर और नया रायपुर के अध्ययन दौरे पर आए संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों का स्वागत किया। इनमें जशपुर, मारवाही, सरगुजा और बस्तर, वनमंडलों की संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के 475 सदस्य शामिल थे। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चंद्राकर, विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के. खेतान और संचालक पंचायत श्री तारण प्रकाश सिन्हा भी उपस्थित थे।
डॉ. सिंह ने इन सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में विविधता के बीच एकता है इसी एकता को और मजबूत करने और विकास से जोड़कर एकात्मकता का भाव जगाने के लिए दो वर्ष पहले हमर छत्तीसगढ़ योजना शुरू की गई है, जो सफलतापूर्वक चल रही है। इस योजना के तहत लगभग पौने दो लाख पंचायत प्रतिनिधियों और सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने रायपुर और नया रायपुर का अध्ययन दौरा कर लिया है। अब योजना के तहत संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों को भी रायपुर के आस पास के विकास कार्यों का भ्रमण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भ्रमण पर आए हुए सदस्यों ने विशाल और विकसित हो रहे छत्तीसगढ़ का अनुभव किया होगा। उन्होंने कहा कि वनों की रक्षा और उनके विकास में संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में संयुक्त वन प्रबंधन के 7887  समितियां हैं। लगभग 55 प्रतिशत वन क्षेत्र इनके कार्य क्षेत्र में आता है। 59 हजार वर्ग कि.मी. का क्षेत्र और 27 लाख इनमें सदस्य हैं। इन सभी को छत्तीसगढ़ के विकास से जोड़ने के लिए हमर छत्तीसगढ़ योजना का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की ताकत से छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के तहत गांव गरीब किसानों की भलाई के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को निःशुल्क बिजली दी जा रही है। 50 हजार रूपए का सोलर पम्प जनजाति किसानों को मात्र 10 हजार रूपए में उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के सभी परिवारों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में देने जा रहे है।  प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीब परिवारों को पक्का आवास दिलाने के लिए 11 लाख बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिर्वसल हेल्थ स्कीम  में अमीर गरीब का भेद भाव किए बिना सभी को 50 हजार रूपए की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना में 37 लाख गरीब परिवारों को 5 लाख रूपए तक की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ में इन परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिलाने के लिए 15 अगस्त तक सभी के कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 450 रूपए थी जिसे बढ़ाकर 2500 रूपए कर दिया गया है। इसके अलावा उनके लिए चरण पादुका बीमा, बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति के साथ ही बोनस भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज जंगलों का संरक्षण सबसे बड़ी चुनौती है। संयुक्त वन प्रबंधन समिति के माध्यम से वनों की सघनता बढाने के लिए वृक्षा रोपण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि हमर छत्तीसगढ़ योजना में जशपुर, मारवाही सरगुजा और बस्तर वनमंडल के 476 पदाधिकारियों को नया रायपुर, विधानसभा, कृषि विश्वविद्यालय और चम्पारण सहित विभिन्न स्थानों का भ्रमण करवाया गया।