जरूरत पड़ी तो देश के दुश्मनों से लड़ने को तैयार : मोहन भागवत
मुजफ्फरपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बिहार के मुजफ्फरपुर में अनुशानस का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि उनकी स्वयंसेवक मिलिट्री तो नबीं लेकिन अनुशासन के मामले में उनके कम भी नहीं। भागत ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो आरएसएस देश के दुश्मनों से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्वयंसेवकों की तारीफ करते हुए मोहन भागवत ने ये भी कहा कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून इजाजत दे हम तुरंत तैयार हो जाएंगे।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संघ का उद्देश्य दुनिया में भारत माता की जय करानी है। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। ऐसे में किसान और कृषि के विकास से ही देश का विकास होगा। कृषि के पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ वैज्ञानिक पद्धति अपनाने की भी जरूरत है। भागवत किसान सहचर्चा कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत की जमीन अन्नपूर्णा है। ऐसी भूमि दुनिया में कहीं नहीं है। हमारे पूर्वज जंगलों में रहकर जो परंपरा चलाए, वह चल रही है। हम उसी का अनुसरण कर रहे हैं। संघ 318 गांवों में ग्राम विकास कार्यक्रम चला रहा है। खेती में पशुपालन के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि देशी गाय महत्वपूर्ण है। पशुपालन से प्राप्त गोबर जैविक खाद का विकल्प है। बहुत सारे कीटनाशक खाद इससे तैयार हो सकते हैं। इससे खेती और आमदनी को बल मिलेगा। पर्यावरण संतुलन भी बना रहेगा।