थोक विक्रेताओं ने बदली अपनी चाल मौसम का बदलता मिजाज व्यापारियों के चेहरे में फिर एक बार रंगत।
शहडोल।मानवता और इंसानियत के नाम पर धन कमाने की लालच में अपने मानव धर्म और कर्तव्यों से विमुख होकर एक ऐसे अमानवीय कृत्य को अंजाम देने में पूर्व तैयारी कर रहे कुछ तथाकथित खाद्य पदार्थों को गोदामों में भरकर मौके की तलाश पर इंतजार कर रहे हैं कि कब कोरोना महामारी अपने पैर पसारे और इधर इन मानव जाति के दुश्मनों एवं लालची व्यापारियों के द्वारा कीमत से ज्यादा भाव में गोदाम में रखे खाद्य पदार्थों सहित अन्य सामग्रियों को तिगुना चौगुना रेट में बेचने की तैयारी पूर्व से ही तैयार बैठे हैं। जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण का प्रकोप अपने पूरे शबाब में लोगों को तबाह करने के लिए अपने कदम बढ़ा रहा है वही इन कालाबाजारी ओं के द्वारा मानव जीवन में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं एवं सामग्रियों में लूट करने के लिए अपनी दुकानें सजा कर बैठ गए गौरतलब हो कि पूर्व वर्ष में भीषण रूप से फैली महामारी के कारण लोगों ने भीषण विपदा को खेलते हुए अपने स्नेही जनों को खो दिया इस प्रकार दुख के समय पर भी मानवता को शर्मसार करने वाले जिन्हें तनिक भी लाज शर्म नहीं रुपया कमाने की लालच में पुणे चौगुनी रेट लगाकर लोगों को लूटने में जमकर लगे हुए हैं।
ज्ञात हो कि शासन प्रशासन के द्वारा एवं समाज सेवी संस्थान संगठनों के द्वारा ऐसी भीषण आपदा के समय सेवा समर्पण भाव के लिए आगे आकर गरीब बेबस लाचार सहित भूखों को भोजन कराने के लिए अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करते रहे वहीं कुछ तथाकथित लुटेरों के द्वारा आम जन जीवन में उपयोग की जाने वाली खाद्य सामग्रियों सहित अन्य वस्तुओं के रेट बढ़ाकर शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए पूर्ण रूप से कालाबाजारी की जाती रही किंतु प्रशासनिक व्यवस्थाओं के अनुरूप जब शासन के द्वारा खाद्य सामग्री वाहनों के लिए पूर्ण रूप से अन्य जिले एवं राज्यों से आने वाली वाहनों को मुक्त कर दिया गया था एवं ट्रांसपोर्टरों के द्वारा सभी जगहों में सही समय पर वाहनों के माध्यम से सामग्रियां पहुंचाई जा रही थी फिर भी इन तथाकथित चोरों के द्वारा सामग्रियों का अपने गोदाम एवं दुकानों से चौगुनी कीमत पर छोटे-छोटे दुकानदारों एवं व्यापारियों को बस में उपलब्ध करा कर उनसे जनता से लूट कराया गया इस प्रकार पूरे जिले एवं संभाग में इन मानव द्रोही लोगों के ऊपर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करना हो ना अब वर्तमान स्थिति में इनके मनोबल को लोगों को लूटने के लिए मजबूत कर दिया गया है ऐसा प्रतीत होता है कि यह अवसरवादी लोग जिन्हें समाज परिवार एवं राष्ट्र सेवा से कोसों दूर अपनी कमाई को ही सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानते हैं ऐसे लोगों पर शासन प्रशासन के द्वारा जबरदस्त कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे सीख ले कर अन्य किसी की हिम्मत इस प्रकार का कृत्य करने का ना हो सके।