जिस कार्य को करना था शिक्षा विभाग व शासन प्रसाशन को उस कार्य को शिक्षकों व बच्चों ने चंदा देकर कर दिखाया
*रूपेश कुमार वर्मा*
शासन प्रशासन के निष्क्रियता के चलते अहाता निर्माण 11वर्ष तक नही हुआ शिक्षक व जनप्रतिनिधि गुहार लगाते थक गए। अंततः लेना पड़ा चंदा
परसाडीह में सामुदायिक सहभागिता से अहाता निर्माण
अर्जुनी – जहाँ चाह, वहीं राह ” इस कथन को चरितार्थ कर दिखाया है, भाटापारा विकासखण्ड के ग्राम परसाडीह के पालकों ने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को लागू हुए लगभग 11 वर्ष बीत रहा है लेकिन, विद्यालय सुरक्षा हेतु अहाता का निर्माण, यहाँ के प्राथमिक शाला में आज तक नहीं हो पाया। अहाता के अभाव में यहाँ गार्डनिंग नहीं हो पा रही है। शाला समय में यहाँ लावारिस जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है ए्वं गंदगी करते हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा स्कूल की दीवारों पर अश्लील चित्रों एवं शब्दों का दीवार लेखन कर दिया जाता है। त्यौहारों के अवसर पर शराबी लोग शाला में आकर शिक्षकों को अनावश्यक परेशान करते हैं। विद्यालय में अहाता निर्माण हेतु विद्यालय प्रबंध समिति गत आठ वर्षों से यथोचित प्रत्येक जनप्रतिनिधियों, कार्यालयों, ग्राम सुराज अभियान एवं मुख्यमंत्री कार्यालय तक में आवेदन दे-देकर थक चुके हैं। कई बार एस.डी.पी. बनाकर उच्च कार्यालयों में प्रस्तुत किया जा चुका है। अंततः विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि जन सहयोग से अहाता (तार जाली से) निर्माण किया जाय। इस हेतु विद्यालय प्रबंध समिति के पदाधिकारियों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के द्वारा छेरछेरा माँगा गया। पालकों से चंदा माँग कर आज अहाता निर्माण कर दिखाया। अहाता निर्माण में विद्यालय प्रबंध समिति, प्रधानपाठक, शिक्षकगण एवं ग्रामवासियों का विशेष योगदान रहा। आज के उद्घाटन अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्रीमती प्रमिला ध्रुव, प्रधानपाठक हुबीराम वर्मा, शिक्षक दयाशंकर सोनी व विजय कुमार ध्रुव, गौकरणसिंह ध्रुव, अंतुराम ध्रुव, नितेन्द्र ध्रुव, बैसाखूराम ध्रुव, रामाधार ध्रुव, भुनेश्वर ध्रुव, नारद ध्रुव, गनेश्वरी ध्रुव, भारती ध्रुव, लता ध्रुव, रूपा ध्रुव, एवं मालती ध्रुव आदि उपस्थित रहे।