माता – पिता को छोड़कर इकलौता पुत्र निकल पड़ा देश जगाने
आज का सिद्धार्थ सायकिल पर कर रहा भारत यात्रा
अनूपपुर (अविरल गौतम) देश को जानने , देखने , समझने की ऐसी ललक कि माता – पिता को छोड़कर इकलौता पुत्र सायकिल से निकल पड़ा भारत यात्रा पर । बिन्दास , फक्कड़पन इतना कि ना आज ठहरने की चिंता और ना ही कल भोजन का फिक्र। जहां जिसने , जो सहयोग दे दिया , बेफिक्री से ,खुशी – खुशी स्वीकार कर लिया। योग के द्वारा देश जोडने निकले ऐसे युवक को आज का सिद्धार्थ ना कहें तो क्या कहें ? वो भी सत्य को जानने अपनी पत्नी – दुधमुहे पुत्र को त्याग कर निकल पड़े थे ।
मध्यप्रदेश के पिपरिया (होशंगाबाद ) के युवक मेहुल लखानी 21 जून , 2021 योग दिवस के दिन अपना घर छोड़ कर भारत यात्रा पर निकल पड़े । पचमढी, बरेली, नरसिंहपुर, जबलपुर, भेडाघाट, मंडला, डिंडोरी होते हुए वे अमरकंटक पहुंचे। जहाँ तीन दिन तक उन्होंने योग के माध्यम से लोगों को जोडने की कोशिश की। यहाँ से वे पेण्ड्रा, वेंकटनगर, जैतहरी होते हुए मंगलवार ,13 जुलाई को अनूपपुर पहुंचे। सेवाभारती , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय में उन्होंने रात्रि विश्राम किया। बुधवार की सुबह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाकौशल प्रांत के गौसेवा प्रकल्प के प्रांत प्रमुख राजकुमार जैन, जिला प्रचारक वीरेन्द्र जी दाहिया, मनोज द्विवेदी ने संघ कार्यालय में मेहुल को अंगवस्त्र पहना कर मास्क, सेनेटाइजर, फल आदि प्रदान कर सम्मानित किया।
भारत यात्री मेहुल लखानी ने शहडोल प्रवास से पूर्व वार्ता करते हुए बतलाया कि देश को जानने , योग के माध्यम से उसे जोड़ने का जज्बा इतना प्रबल था कि हिम्मत जुटाकर सायकिल पर दैनिक उपयोग की कुछ जरुरी सामग्री थैले में लाद कर निकल पड़ा । घर पर बुजुर्ग माता – पिता को छोड़ कर इकलौते बेटे का ऐसे घर त्याग देना कम हिम्मत का काम नहीं है। इस बावत प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत हमारी माता हैं । उन्हे आज स्वस्थ, मजबूत, एकजुट नागरिकों की जररत है। मेरा छोटा सा प्रयास कितना सफल होगा , मुझे नहीं पता। लेकिन मैं भारत यात्रा के माध्यम से योग द्वारा अपने देश के भाई बहनों को स्वस्थ, खुश, मजबूत देखना चाहता हूँ । मेहुल अनूपपुर से चचाई, बुढार होकर शहडोल की यात्रा पर निकल चुके हैं। गुरुवार को वे शहडोल में रहेंगे। इसके बाद वे मैहर के लिये प्रस्थान करेंगे।