परमधर्म संसद” ने उठाया अमरकंटक सहित पूरे राज्य के उत्थान का वीणा- श्रीधर शर्मा
सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति पर नहीं आने देंगे आच
अमरकंटक (अविरल गौतम) अनुपपुर जिले की पावन धरा अमरकंटक में असामाजिक तत्वों के जमावड़े और उन असामाजिक तत्वों के द्वारा माँ नर्मदा और अमरकंटक की पवित्रता और रमणीयता पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है परमधर्म संसद श्रीधर शर्मा ने कहा है की पूरे अमरकंटक की रमणीयता बुरी तरह प्रभावित होती दिखाई दे रही है। हालांकि माँ नर्मदा औऱ इस पावन धरा का ऐसा प्रताप है कि बुरी नीयत और किसी प्रकार के लालच से इस धरती पर आकर अपने व्यक्तिगत लाभ को गलत तरीके से सिद्ध करने का उद्देश्य रखने वाले कभी टिक नहीं पाए और उनका पतन भी हुआ है लेकिन इस तरह के असामाजिक तत्वों से व्यथित होकर “परमधर्म संसद” ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की धरती पर छोटे और बड़े स्तर पर अपने प्रतिनिधि बैठाकर पूरे राज्य के सरकार की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने की योजना बनाई है और जरूरत पड़ी तो वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली और वर्तमान राजनीतिक दलों की मनसा से यदि सनातन धर्म और देश की संस्कृति सहित देश की जनता और देश की आन बान पर आंच आती दिखी तो व्यापक रूप से पूरे देश में लोकसभा, विधानसभा व छोटे छोटे स्तरों पर उम्मीदवार उतारकर देश के प्रतिनिधित्व के लिए भी विचार किया जा सकता है।
श्रीधर शर्मा ने वर्तमान सरकार और राजनीतिक दलों को आगाह किया है कि यदि समय रहते देश की संस्कृति और सनातन धर्म सहित अनूपपुर की धरती अमरकंटक के उत्थान हेतु ध्यान नहीं दिया गया तो आगे बगावत के लिए तैयार रहें।अमरकंटक की धरती पर आदिवासियों का एक बहुत बड़ा तबका आज भी विकास से कोशों दूर है और अमरकंटक के घने जंगलों में रहकर जंगल की लकड़ियों को बेंच कर अपनी जीविका चला रहे हैं और अब तक इन आदिवासियों तक शासन प्रशासन की निगाहें नहीं पहुंच पा रही हैं और अमरकंटक के जंगल में निवास करने वाले आदिवासियों बैगैओ के उत्थान के लिए कोई विकल्प न दिखने के कारण आज मजबूरन “परम धर्म सांसद” को सामने आना पड़ रहा है और बगावती तेवर अपनाकर देश की सरकार और उनकी योजनाओं को आड़े हाथों लिया है।
यहां रोज़गार के अवसर नहीं होने के कारण आज युवा दिशाविहीन होकर गलत कार्यों की ओर संलिप्त हो रहे हैं, जिससे कि पूरे देश में आज अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है और आए दिन क्षेत्र में अपराध और अपराधियों की संख्या बढ़ रही है।यदि देश की शिक्षा नीति पर विचार किया जाए तो दुनिया के सारे काम सुचारू रूप से संचालित हैं लेकिन पूरे कोरोनकाल में यदि सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है तो केवल शिक्षा विभाग पर, आज स्कूल, कॉलेज बंद हैं और विद्यार्थी अपने घरों पर मोबाइल और ऑनलाइन क्लास के नाम पर शिक्षा प्राप्त करने की औपचारिकता निभा रहे हैं।
आगे श्री शर्मा ने कहा की यदि यही स्थिति रही तो पूरे देश में “परम धर्म सांसद” वर्तमान सरकार की नीतियों को बदलने के लिए प्रतिबद्ध होगी ।