निजी स्कूलों की मनमानी आये आपदा के बीच किसी भी सूरत में चलने नहीं दी जाएगी – विकास उपाध्याय

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रायपुर। निजी स्कूलों द्वारा आॅनलाईन पढ़ाई के बीच मनमानी फीस वसूली को लेकर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय आज स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला से मंत्रालय पहुँचकर मुलाकात की एवं घंटे भर चर्चा के बाद विकास उपाध्याय ने कहा कि निजी स्कूलों पर इसके खिलाफ कड़ाई करने अगले सप्ताह शासन स्तर पर महत्वपूर्ण बैठक होगी एवं सरकार द्वारा फीस निर्धारण को लेकर बनाए गए नियम को कड़ाई से पालन करने प्रशासन को निर्देशित किया जायेगा।

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय सेे लगातार राजधानी के निजी स्कूल में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के पालक मुलाकात कर इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि इन स्कूलों द्वारा बेवजह के फीस बढ़ाकर भुगतान करने बाध्य किया जा रहा है। इसे लेकर विकास उपाध्याय आज स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला से मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन और कोरोना काल के बीच सभी स्कूलें पूरी तरह से बंद हैं, बावजूद निजी स्कूल के प्रबंधक अपने स्कूलों में पढ़ाई के अलावा अन्य सुविधाओं के रख-रखाव में होने वाले खर्च को विद्यार्थियों से वसूल रहे हैं। उन्होंने प्रमुख सचिव को बताया इन स्कूलों द्वारा यहाँ तक कि वहाँ के शिक्षकों को भी पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा है। बावजूद विद्यार्थियों से गत्वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ट्यूशन फीस में वृद्धि कर फीस जमा करने कहा जा रहा है।

विकास उपाध्याय ने चर्चा के दौरान कहा कि आज की स्थिति में निजी स्कूलों के खुद के खर्चे कुछ नहीं हैं, न ही बस चल रही है और न ही बिजली की खपत हो रही है। बावजूद इसका भार विद्यार्थियों पर थोपा जा रहा है। आलोक शुक्ला ने इसे गंभीरता से लेते हुए विकास उपाध्याय के सुझाव पर कहा कि अगले सप्ताह कलेक्ट्रेट में फीस निर्धारण को लेकर महत्वपूर्ण बैठक रखी जाएगी एवं किसी भी सूरत में निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। उन्होंने कहा, सरकार द्वारा विधानसभा से पारित फीस निर्धारण को लेकर नियम बना चुकी है जिसे प्रशासन के सहयोग से कड़ाई से पालन करने इस बैठक में निर्णय लिया जाएगा। विकास उपाध्याय ने निजी अस्पतालों के लिए जिस तरह से नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी, उसी तर्ज पर निजी स्कूलों के लिए भी नोडल अधिकारी नियुक्त करने की बात रखी। जिस पर प्रमुख सचिव ने सहमति व्यक्त करते हुए इसका पालन कराने की बात कही।

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