जंगल के बीच मे बना ओएनजीसी का आशियाना, जिला प्रशासन बना मूकदर्शक
यातायात प्रभारी के हिम्मत नहीं, पुलिस अधिकारी बने अनजान
घूम घूम कर फैला रहे कोरोना जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान ।
शाम ढलते ही छलकते हैं जाम कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना
अनूपपुर (अविरल गौतम) जिला मुख्यालय से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर साधा तिराहा के पहले ओएनजीसी कंपनी के द्वारा जंगल के बीचो बीच आम रास्ता बना कर लगभग 3 एकड़ के एरिया में अपना कैंप बनाकर कई सैकड़ों की तादाद में निवास कर सैकड़ों वाहन का आना जाना करते हुए जंगल में आशियाना बना कर बैठे हैं वही वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी गूंगे की तरह मूक बधिर बनकर बैठे हुए हैं कारण की ओएनजीसी कंपनी का मोनो लगाकर बैठे जिम्मेदार भोपाल एवं दिल्ली से तार जोड़ कर क्षेत्रीय अधिकारियों के मुंह में ताला बंद कर मनमानी तरीके से काम किया जा रहा है इतना ही नहीं उक्त कंपनी के द्वारा लोगों को भ्रम में डालकर रखा गया है कि हम विभाग को टैक्स देते हैं एवं हमारे पास तमाम तरह की अनुमति सेंट्रल गवर्नमेंट से दी गई है जो पूर्णता गलत है लोगों का मानना है कि वन अधिनियम के तहत कंपनी को वन मार्ग की अनुमति प्रदान की जाती है जिस मार्ग के तहत कंपनी अपने वाहनों की निकासी करके सर्वे कार पूरा कर सकें लेकिन वन मार्ग की आड़ में ओएनजीसी कंपनी के द्वारा विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंक कर निर्धारित मार्ग से हटकर काम किया जा रहा है ।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उक्त कंपनी का काम संभाग के अनूपपुर शहडोल एवं उमरिया जिले में संचालित है जहां काम प्रभावित ना हो सके इस बताओ कंपनी के मैनेजमेंट अधिकारियों द्वारा संभागीय अधिकारी सीसीएफ एवं जिला अधिकारी डीएफओ से सांठगांठ बनाकर मनमर्जी तरीके से काम कर रहे हैं इनके हौसले को देखकर अन्य छोटे कर्मचारियों की हिम्मत ही नहीं पड़ती कि उक्त कंपनी के जिम्मेदारों पर लगाम लगा सके उक्त पूरे मामले को लेकर जब कंपनी के मैनेजमेंट देख रहे महेंद्र सिंह बघेल से बात की गई तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि हम सेंट्रल गवर्नमेंट का काम कर रहे हैं हमारा सारा काम भोपाल एवं दिल्ली से होता है थोड़ी बहुत बचा हुआ काम पीसीसीएफ के यहां से कर लेते हैं हमें क्षेत्रीय अधिकारी कर्मचारियों की कोई जरूरत ही नहीं पड़ती साथ ही हम कहीं विदेश से आकर काम नहीं कर रहे हम भी यही के लोकल हैं उसके साथ ही हमारे 40 रिश्तेदार इस क्षेत्र में हमारे साथ हैं।
कंपनी कर रही वन अधिनियम की अवहेलना
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ओएनजीसी कंपनी के द्वारा वन एवं वन अपराध अधिनियम की लगातार अवहेलना की जा रही है कारण की इनके द्वारा जंगल के बीचो बीच आशियाना बना कर लगभग 3 माह से कई सैकड़ों लोगों की तादाद में निवास करना सैकड़ों वाहन रात्रि कालीन में जंगल के अंदर खड़े कर रखना मनमर्जी तरीके से जंगल में गाड़ी घुसे हरकत आम रास्ता बनाना सूखे पेड़ों को काटकर अपने निजी उपयोग में लाना साथ ही निश्चित रूप से सैकड़ों की तादात में निवास कर एवं उनके कारनामे क्रियाकलाप देखकर यह स्पष्ट होता है कि इनके द्वारा निश्चित रूप से जंगली जानवरों का शिकार भी किया जा रहा होगा करण की शाम ढलते ही कई प्रांतों के लोग शराब की धारा में बहने लगते हैं।
दहशत में जंगल के जीव
उक्त कंपनी के द्वारा जंगलों में सैकड़ों की तादात में गाड़ियां गुजर कर ड्रिल मशीन के द्वारा बोर किया जाता है साथ ही केवल तार बिछाते हुए लाइन बनाई जाती है उपरोक्त किए गए बोर में हैवी ब्लास्टिंग का उपयोग कर जमीन के अंदर की वीडियोग्राफी बनाई जाती है जिस वक्त कंपनी द्वारा ब्लास्टिंग की जाती है तो लगभग 2 किलोमीटर के एरिया में चारों ओर की धरती हिल जाती गीत वजह से जंगली जानवरों में दहशत का माहौल रहता है इतना ही नहीं कई जानवर धमाकेदार ब्लास्टिंग के कारण अपनी जान तक गंवा देते हैं कंपनी का यह कारनामा वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत 1 अपराध के दायरे में आता है और जिसे रोक पाने के लिए वन अमला शून्य साबित हो रहा है।
यातायात पुलिस नहीं दे रही ध्यान
कंपनी के द्वारा पिकअप वाहन एवं बोलेरो वाहन में ओवरलोड श्रमिकों की सवारी कराई जाती है जिसे जिले का यातायात विभाग देखने के बावजूद भी अनदेखी कर रहा है कारण की इन दिनों बढ़ते कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर के द्वारा जिले में धारा 144 लगाते हुए यात्रा के लिए वाहनों की अनुमति का प्रावधान रखा गया है नियमानुसार चार पहिया वाहन में चालक सहित चार लोगों की सवारी सोशल डिस्टेंशन एवं कोरोनावायरस के गाइडलाइन के तहत किया जाना है लेकिन कंपनी के मैनेजमेंट के द्वारा प्रत्येक वाहन में सीट से ऊपर ही नहीं बल्कि छल्ली लगाकर श्रमिकों को 50 से 60 किलोमीटर की यात्रा कराई जा रही है जिसे जिले का यातायात विभाग देख कर भी अनदेखी करते हुए कुछ नहीं कर पा रहा कारण की कंपनी का मैनेजमेंट विभाग के बड़े अधिकारियों के साथ चलना बताया जा रहा है।
कोरोना के गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन
कंपनी द्वारा एक पिक अप वाहन में 10 से 15 लोगों को बिना मास के के यात्रा कराया जाना एवं बनाए गए कैंप में सैकड़ों की तादात में श्रमिकों के द्वारा एक साथ रहकर निवास करते हुए सोशल डिसटीब्यूशन मास्क सेनीटाइजर का बिल्कुल उपयोग नहीं किया जा रहा है इतना ही नहीं काम समाप्त होने के बाद कैंप में वापस आते ही कई श्रमिकों के द्वारा मुख्यालय नजदीक होने के कारण गांव मोहल्ले एवं नगर में घूम घूम कर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसे देखते ही है निश्चित तौर पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अनूपपुर नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र का कोरोना का प्रकोप बहुत ही जल्द कंट्रोल नहीं होने वाला है कारण की उक्त श्रमिक कई प्रांतों से आकर यहां काम करते हैं इनके चोरी छुपे आना-जाना किया जा रहा है।
शराब खोरी का बना अड्डा
लोगों का मानना है कि कंपनी के कर्मचारी शाम होने के बाद जब काम से वापस आते हैं उसके तुरंत बाद ही शराब की तलाश में गांव मुहल्लों में फेरी देने लगते हैं और शराब पीकर आपस में वाद विवाद का माहौल इतना खतरनाक बना लेते हैं कि उन्हें देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि यह स्वतः व किसी भी व्यक्ति के साथ कोई बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकते हैं इन कर्मचारियों अधिकारियों के द्वारा लगातार किए जा रहे हरकत से ग्रामीण क्षेत्र के आसपास के लोग हर समय दहशत में रहते हैं करण की ऐसे लोगों के द्वारा किसी भी समय कोई बड़े घटना एवं दुर्घटना को अंजाम दिया जा सकता है। जांच का विषय है लॉकडाउन मेंं इन्हें शराब कहां से मिल गई।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
ज्ञातव्य है कि ओएनजीसी कंपनी के कर्मचारियों द्वारा मनमर्जी तरीके से निर्भीक होकर नियम विरुद्ध काम किये जाने को लेकर जन चर्चा है कि कंपनी के द्वारा हाई प्रोफाइल अधिकारियों के साथ मैनेजमेंट बनाकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की आड़ में नियम विरुद्ध काम किया जा रहा है अगर समय रहते कंपनी के आवारा तत्व एवं अपराधों पर नियंत्रण नहीं लगाया गया तो निश्चित रूप से आने वाले दिन में कोई न कोई बड़ी घटना या दुर्घटना का अंजाम भुगतना पड़ सकता है कंपनी के मनमर्जी तरीके से किए जा रहे काम को लेकर ग्रामीण क्षेत्र की जनता एवं बरबसपुर पौड़ी मानपुर गोलघर पतला सहित मुख्यालय के संभ्रांत लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कंपनी द्वारा किए जा रहे मनमर्जी तरीके से कार्य लगाम लगाया जाए जिससे कोरोनावायरस संक्रमण जैसी आपदा से लोगों को बचाया जा सके।
इनका कहना है।
अनुमति दो तरह की दी जाती है पहला वन मार्ग से निकलने की दूसरा बोरकर के सर्वे करने की हैवी ब्लास्टिंग करने एवं जंगल में निवास करने की कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है आपके द्वारा मुझे बताया गया है अगर मैं तत्काल जांच करा कर अगर ऐसा हुआ है तो कार्यवाही करूंगा।
वन मंडल अधिकारी
जिला अनूपपुर
मेरे जानकारी में कंपनी के द्वारा वाहनों की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी गई है अगर नियम विरुद्ध वाहनों में कंपनी द्वारा श्रमिकों को ले जाया जा रहा है मैं स्वयं कल जांच कर लूंगा गलत पाए जाने पर कोरोना गाइड लाइन के तहत धारा 188 की कार्यवाही की जाएगी ।
यातायात प्रभारी
अनूपपुर
मुख्यवनसँरक्षक संभाग शहडोल के मोबाइल नंबर पर फोन किए जाने के बाद फोन रिसीव नही हुआ।