दिल्ली हिंसा में साजिश? ट्रंप के सामने छवि बिगाड़ने की कोशिश

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नई दिल्ली
सोमवार सुबह से ही मीडिया में दो खबरें चल रही हैं। पहली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत में जोरदार और गर्मजोशी से स्वागत की और दूसरी देश की राजधानी दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में हिंसा की। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह भारत दौरा कई मायनों में अलग है। पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई अमेरिकी राष्ट्रपति केवल भारत यात्रा पर आए हों। इससे पहले हर बार अमेरिकी राष्ट्रपति भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान भी जरूर जाते थे। पहली बार किसी देश के राष्ट्र प्रमुख का एक लाख से ज्यादा भारतीयों ने एक जगह एकत्र होकर स्वागत किया है। ऐसे ही कई बिंदु हैं जो इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा को अलग बनाते हैं। ऐसे खास मौके पर देश की राजधानी दिल्ली में अचानक से हिंसा का फैलना कई सवाल खड़े करते हैं।

गृह मंत्रालय ने आशंका जताई है कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जारी यात्रा के मद्देनजर करायी गई प्रतीत होती है। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय ने खुफिया सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर आशंका जताई है कि कुछ लोग ट्रंप के सामने भारत की छवि खराब करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने हिंसा के लिए इस समय को चुना है।

गृह सचिव केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली हिंसा पर कहा है कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं और पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात हैं, दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक नियंत्रण कक्ष में हैं और राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा के मद्देनजर स्थिति पर नजदीकी नजर रखे हुए हैं।

गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि मौके पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। उत्तरपूर्व दिल्ली में हिंसक संघर्ष में एक पुलिसकर्मी की मौत होने के बाद गृह सचिव का यह बयान आया है। भल्ला ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘दिल्ली में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर हैं और पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किये गये है।’

दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्रालय जिस तरह से एक्टिव दिख रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि वह प्रदर्शकारियों के मंसूबे को नाकाम करने की कोशिश में जुटा है।
उधर, सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में सीआपीएफ की 8 कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। इसके अलावा रैपिड ऐक्शन फोर्स (RAF) की दो कंपनी और एक महिला कंपनी को क्षेत्र में भेजा गया है।

मालूम हो कि सीएए के खिलाफ विरोध के नाम पर हुई हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत हो गई है। शाहदरा के डीसीपी अमित कुमार घायल हुए हैं। हिंसा में मोहम्मद फुरकान नामक शख्स की भी जान चली गई है। इसके अलावा छह पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद और आसपास के इलाके में बस समेत 14 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया है। इसके अलावा मौजपुर में 2 घरों में आग लगा दी है।

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