ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पत्थरबाजी: बीजेपी, अकाली ने कांग्रेस को CAA पर घेरा

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नई दिल्ली

पाकिस्तान में सिखों के पवित्र स्थल ननकाना साहिब में पत्थरबाजी और सिखों पर हमले को लेकर भारत में सियासत शुरू हो गई है। नागरिकता कानून (CAA) को लेकर कांग्रेस के विरोध का सामना कर रही बीजेपी को पाक में घटी इस घटना ने पलटवार करने का हथियार दे दिया है। शनिवार को बीजेपी के साथ ही पंजाब में उसके सहयोगी अकाली दल ने कांग्रेस को नागरिकता कानून के विरोध पर घेरा। बीजेपी ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि इस घटना से पता चलता है कि देश में नागरिकता संशोधन कानून की जरूरत है। अकाली दल की नेता और कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस पर हमला बोला है। ननकाना साहिब में हुई पत्थरबाजी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न एक वास्तविकता है।

दिल्ली, जम्मू में पाक के खिलाफ प्रदर्शन

पाकिस्तान की घटना को लेकर भारत के सिख समुदाय में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। सिखों ने ननकाना हमले के विरोध में शनिवार दोपहर दिल्ली और जम्मू में प्रदर्शन किए। दिल्ली में इस हमले के विरोध में सिख समुदाय के लोक शनिवार दोपहर पोस्टर-बैनर के साथ सड़क पर उतरे। दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के सामने प्रदर्शन कर रहे सिख समुदाय के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि सिख प्रदर्शनकारी मैमरैंडम लेकर हाई कमीशन को देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान नो जो किया, बहुत ही निंदनीय है। पाकिस्तान में सिखों पर जो हमला हुआ है, सीखों को जो धमकी दी गई है, ननकाना साहिब के नाम को बदलने की जो धमकी दी गई है और यहां तक कि पाकिस्तान से सिखों को निकालने की धमकी दी गई है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं।'

सिरसा ने कहा कि सिख समुदाय किसी से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सिखों को बीमारी का इलाज करना आता है। सिरसा ने कहा, 'हम यहां बताने के लिए पहुंचे हैं कि हम किसी से डरने वाले नहीं हैं। हम अपनी जान देना जानते हैं और किसी की जान लेना भी जानते हैं। हम यह भी बताना चाहते हैं कि हमें अपनी तरफ आने वाले सांपों का सिर कुचलना आता है।' उन्होंने कांग्रेस पार्टी से भी माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान में इस तरह की कोई घटना हुई ही नहीं। कांग्रेस को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए।

निशाने पर कांग्रेस

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे में हुई पत्थरबाजी के दौरान एक युवक के भड़काऊ बयान को ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'क्या कोई इसे राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए इतालवी में अनुवाद कर सकता है ताकि वह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के सबूत मांगना बंद कर दें। उधर, अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा, 'पाक में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न एक वास्तविकता है। पाकिस्तान ने आज गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर हुए हमले में अपना भयानक चेहरा दिखाया है। मैं सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस से पूछना चाहती हूं कि वह ऐसे उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को अधिकार देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के महान कार्य का विरोध कैसे कर सकते हैं?'

पात्रा को कांग्रेस ने दिया जवाब

इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ट्विटर पर ही संबित पात्रा को तीखा जवाब दिया। कांग्रेस ने ट्विटर पर लिखा, 'किसी भाषा में अनुवाद करने की जरूरत नहीं है, सब जानते हैं कि यह 'संघी' भाषा है। इस भाषा में कुछ दिन पहले इंडिया गेट पर 'गोली मारो..' के नारे बीजेपी नेताओं द्वारा लगाए जा रहे थे। दोनों तरफ से एक जैसे झूठे विडियो ट्वीट हो रहे हैं, एक जैसी भाषा बोली जा रही है।'

राहुल गांधी ने की घटना की निंदा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पाकिस्तान में ननकाना साहिब पर भीड़ के पथराव एवं नारेबाजी की घटना की निंदा करते हुए कहा कि परस्पर सम्मान और प्रेम की बदौलत ही धर्मान्धता के जहर को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'ननकाना साहिब पर हमला निंदनीय है और इसकी खुल कर भर्त्सना करनी चाहिए।' गांधी ने कहा, 'धर्मान्धता खतरनाक है और यह बहुत पुराना जहर है जिसकी कोई सीमा नहीं होती। प्रेम, परस्पर सम्मान और समझ ही इस जहर को खत्म करती है।' इस घटना के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुज्जफरनगर में संवाददाताओं से कहा कि ऐसी किसी भी घटना की निंदा होनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुआ हमला मानवता के आदर्शों व धार्मिक मूल्यों को शर्मसार करने वाली घटना है। इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान की सरकार जिम्मेदार है। इस घटना की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।'

'खुल जानी चाहिए CAA का विरोध करने वालों की आंखें'

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने भी इस मसले पर ट्वीट करते हुए कहा, 'श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारा में हुई शर्मनाक घटनाओं से उन सभी लोगों की आंखें खुल जानी चाहिए जो पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न से इनकार कर रहे हैं और CAA की जरूररत से मुंह मोड़ रहे हैं।'

'उत्पीड़न का और क्या सबूत चाहिए'

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पाकिस्तान में उत्पीड़न का उन्हें और क्या सबूत चाहिए? उन्होंने लिखा, 'इस घटनाक्रम से जाहिर है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को किस तरह मुश्किलों का सामना करता पड़ता है। भारतीय और एक सिख होने के नाते मैं उन सभी लोगों को धर्मनिरपेक्ष और संवेदनशील नहीं मानता जो इन ज्यादतियों और उत्पीड़नों की सच्चाई के प्रति अपनी आंखें बंद करके बैठे हैं।'

गौरतलब है कि पाकिस्तान में सिख किशोरी से शादी करने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति के परिवार की अगुवाई में कुछ लोगों ने अपने रिश्तेदारों की गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार को ननकाना साहिब के बाहर प्रदर्शन किया। खबरों के अनुसार भीड़ ने गुरद्वारे पर धावा बोल दिया और सिख श्रद्धालुओं पर पथराव किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा की थी।

 

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