शारदीय नवरात्र की सप्तमी कल माता बिरासिनी के दरबार में होगी माँ कालरात्रि की पूजा

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जोगी एक्सप्रेस 

बिरसिंहपुर पाली (तपस गुप्ता) शारदीय नवरात्र पर्व पर पाली नगर में बिराजी माता बिरासिनी के दरबार में आज नवरात्र की षष्ठी तिथि मनाई गई। सुबह से देर रात्रि तक भक्तजन माता के दरबार में पूजन अर्चना करने पहुचे। आज नवरात्र के षष्ठी तिथि को फलदायिनी मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की गई। कहा जाता है कि महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न होकर माता ने आश्विन कृष्ण चतुर्दशी शुक्ल सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था। मां कात्यायनी अमोद्य फलदायिनी हैं दुर्गा पूजा के छठे दिन इनके स्वरूप की पूजा की जाती है इस दिन साधक का मन ‘आज्ञा चक्र’ में स्थित रहता है. यह मां सिंह पर सवार चार भुजाओं वाली और सुसज्जित आभा मंडल वाली देवी हैं । इनके बाएं हाथ में कमल और तलवार व दाएं हाथ में स्वस्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा है मां कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है. वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।
*कल होगी माँ कालरात्रि की पूजा*
शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि कल बड़े ही श्रद्धा उल्लास और भक्तिमय वातावरण में मनाई जायेगी। माता की पूजा व आराधना के लिए पाली नगर में दूर दूर से श्रद्धालुओं का जत्था पहुचेगा।
*5 हजार 5 सौ 60 कलश स्थापित*
उल्लेखनीय है कि शारदीय नवरात्र की बैठकी से आज षष्ठी तिथि तक माता बिरासिनी के दरबार में 5 हजार 5 सौ 60 जवारा ज्योति, घी, तेल, मनोकामना कलश की स्थापना श्रद्धालुओं द्वारा कराया गया है। जिसकी पूजा अर्चना का क्रम भी प्रतिदिन जारी है।

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