हायर सेकंडरी स्कूल में विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी मजबूर है खुले में शौचा जाने के लिये ।।आये दिन मुसीबतों का करना पड़ रहा है सामना

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जोगी एक्सप्रेस 

सोहैल आलम 

 

गौरेला,छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचलों की बात करे तो जिला से 125 किलोमीटर दूर विद्यालय का बुरा हाल कई बार लग चुका है परिसर में ही जिला स्तरीय समस्या शिवीर लग चुके है लेकिन फिर भी , स्कूली बच्चों को पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। शिक्षा तो शुरू हो गई ,लेकिन व्यवस्था बदहाल है। गौरेला विकास खंड से मात्र 8 किलोमीटर दूर शासकीय हाईसैकंडरी स्कूल नेवसा में हालात प्राइमरी-मिडिल से भी बदतर हैं। न बालक बालिकाओं के लिए शौचालय है और न ही पीने का पानी। बोरिंग तो है लेकिन पानी पीने योग्य नही है , जिसके करण विद्यार्थियों को घर से बोतल लेकर स्कूल जाते हैं। चपरासी यहां आसपास लगे दूसरे बोरिंग से पानी लाता है। स्कूल ऐसा है कि बाउंड्रीवॉल तक नहीं है। बालक बालिकाओं को शर्मसार करने वाले इस स्कूल पर जिम्मेदारों की अब तक नजर नहीं पड़ी है। राज्य में ज्यादातर स्कूल ऐसे हैं जहां शौचालय बना दिए गए हैं, पर पानी नहीं है। नईदुनिया ने जब स्कूलों की पड़ताल की तो सरकार के दावों की पोल खुल गई। नेवसा स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल में शौचालय और पीने का पानी नहीं है इसकी जानकारी लगातार 2015 से पत्र के माध्यम से जिम्मेदारों को दे दी है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नही हुई । जिससे छात्र छात्राओं सहित विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी खुले में जाना पड़ता है ।
स्कूल के 250 से अधिक बच्चों को पीने के लिए स्वच्छ पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। शौचालय, खेल मैदान तक को स्कूली बच्चे तरस रहे हैं। जिससे ग्राम के लोगों द्वारा ही कब्जा किया जा रहा है , वही कर गर्मिणो ने मुर्दवाली बना ली है ।

 

बिल्डिंग तोड़ रहे है असामाजिक तत्व

विद्यालय परिसर में बाउड्री  नही होने से शाम होते ही असामाजिक तत्वों का डेरा यहाँ लगा  रहता है जिससे कई बार स्कूल के भवन को नुकसान भी किया खिड़की दरवाजे के साथ छत के पिलर  को भी तोड़ डाला गया है  , भवन की सीढि़यों में भी गुटको को खा के वही थूकते है जिससे गंदगी बनी रहती है ।।


कभी भी हो सकती है दुर्घटना

जिस प्रकार हाई स्कूल एवम हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र , छात्राओं को खुले में शौच  जाने पर शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है , परिसर में छात्रो के लिए सिर्फ बालक मूत्रालय बना है जबकि छात्राओ के लिए बेहद जर्जर स्थिति के शौचालय है जिसमे कभी भी गिरने के डर से छात्राये खुले में जाने को मजबूर  है, जो विद्यालय से  दूर जाना पड़ता है , कभी भी कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है , बरसात के मौसम में साँप एवम अन्य कीड़े मकोड़ो का भी डर बना रहता है ।।

घनश्याम कुमार छात्र कक्षा 12 – स्कूल में शौचालय नही होने से खुले में जाने को मजबूर है ।

कुमार नीलकमल कक्षा 11 – हम स्वच्छता का पाठ तो पड़ते है लेकिन खुद खुले में जाने को मजबूर है ।

’हंसराज भार्गव प्रभारी प्रचार’ -शौचालय के सम्बंध में स्तानीय एवम जिला शिक्षा अधिकारी को भी सूचित किया गया है , लेकिन अभी तक शौचालय निर्माण नही हुआ ।

श्रीमती पूजा सिंह राजपूत’ ’शिक्षिका – स्कूल में शौचालय निर्माण नही होने से बहुत समस्य का सामना करना पड़ता है ।।खुले में जाना अशोभनीय लगता है ।।

’ज्योति पटेल सीईओ ज.प.गौरेला’ – शौचालय के सम्बंध में पत्र आया है , सरपंच एवम सचिव को वर्तमान स्थिति से अवगत कराने को बोला गया है । जानकारी आते ही मैं स्वयं देख कर जल्द से जल्द निर्माण कराया जाएगा ।

 

’नूतन कवर अनु. अधिकारी (रा)’ – मुझे जानकारी नही है अगर ऐसा है तो ये गम्भीर मामला है इसको जल्द ही दिखवाता हु ।

 

’पवन’ ’पैकरा’ ’अध्यक्ष जंप’ ’गौरेला’- प्रधानमंत्री जी खुले में शौचा बना रहे है और स्थानीय अधिकारि इस ओर ध्यान नही दे रहे है जो निंदनीय है ।।

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