जंगल में मस्ती के दौरान घायल हुई नन्ही बाघिन, ऑपरेशन के बाद 1 पैर काटा

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जबलपुर
मंडला (mandla) के कान्हा टाइगर रिजर्व (kanha tiger reserve) में घायल हुई नन्ही मादा शावक (cub) का एक पैर काट दिया गया है. ये शावक मुक्की रेंज में घायल (injured) हो गयी थी. उसके पैर में गहरे ज़ख़्म थे और ज़हर फैल गया था. शावक को जबलपुर लाया गया और यहां वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में ऑपरेशन किया गया.

कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की रेंज में घायल हुई मादा शावक का इलाज जबलपुर के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में किया गया. बुधवार को उसे जबलपुर लाया गया था. गुरुवार को उसका ऑपरेशन किया गया. करीब 1 घंटे तक ऑपरेशन चला. पैर में ऐसे गहरे ज़ख्म थे कि उसका एक पैर काटना पड़ा वरना उसे गैंगरीन हो जाता.

मादा शावक के पैर में गंभीर चोट पहुंची थी. यह हादसा उस वक्त हुआ जब वो अपने भाई बहन के साथ कोरिया में घूम रही थी. उसी दौरान उसका पैर एक पेड़ में फंस गया. घंटों तक मादा शावक तड़पती रही.सूचना मिलने पर टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने उसे निकाला और फिर इलाज के लिए जबलपुर भेजा. उसके पैर में फ्रैक्चर था और ज़हर फैल गया था. इसलिए पैर काटना ज़रूरी था. अगर नहीं काटते तो ज़हर पूरे शरीर में फैल जाता.

ऑपरेशन के बाद मादा शावक को फॉरेंसिक सेंटर में रखा गया है. चिकित्सकों की पूरी टीम उसकी देखभाल में जुटी है. शावक की सर्जरी तो सफल रही है लेकिन वो कितनी जल्दी रिकवर करती है इस पर चिकित्सकों की निगाहें टिकी हुई हैं.

मादा शावक की हालत को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि अब उसे किसी जू या फिर पार्क में शिफ्ट किया जा सकता है.फॉरेस्ट रेंज में उसे रखना घातक साबित हो सकता है. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश को दोबारा टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने के बाद अब सरकार किसी हाल बाघों की संख्या कम नहीं होने देना चाहेगी. डॉक्टरों का भी यही प्रयास है कि 5 माह की मादा शावक को जल्द से जल्द स्वस्थ्य कर उसे सुरक्षित स्थान पर भेजा जा सके.

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