आज़ादी के 72 साल बाद अलीराजपुर पहुंची ट्रेन, पटाख़ों और ढोल-नगाड़ों से स्वागत

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अलीराजपुर
एक सपना पूरा होने में सदियां लग गई. देश आज़ाद होने के बाद भी पूरे 72 साल इंतज़ार करना पड़ा. अलीराजपुर (alirajpur) को अब जाकर ट्रेन (train) मिल पाई है. छुक-छुक करता इंजन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंचा तो लोग भावुक हो गए. आज़ादी के 72 साल बाद मध्य प्रदेश के इस आदिवासी बहुल अलीराजपुर ज़िले का सपना पूरा हुआ. अलीराजपुर को ट्रेन मिल गयी है. खुशी से झूम रहे लोगों के लिए ये मौका दीवाली का भी था और होली का भी. ट्रेन जैसे ही व्हिसिल मारती हुई स्टेशन पर पहुंची तो पटाख़े और ढोल-ढमाकों की आवाज़ से आकाश गूंज उठा. इस ऐतिहासिक मौके को अपनी आंखों से देखने के लिए सांसद गुमान सिंह डामोर सहित बड़ी संख्‍या में लोग मौजूद थे.

सांसद गुमानसिंह डामोर ने ट्रेन के ड्राइवरों और सहयोगी स्टाफ का फूल माला से स्वागत किया. सांसद डामोर ने सबसे पहले रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया. फिर क्षेत्र की जनता को संबोधित किया. उसके बाद ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये ट्रेन बड़ौदा के प्रतापनगर से अलीराजपुर के बीच चलेगी. फिलहाल एक ही ट्रेन चलेगी. धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी.

ट्रेन को देखने के लिए ज़िले भर से लोग यहां पहुंचे थे.  उनका कहना है कि देर आए-दुरुस्त आए. ये परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय 2008 में मंजूर हुई थी. इसे पूरा होने में 11 साल लगे. इससे अब लोगों को आवाजाही और क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी. किसान अब अपनी सब्जी सीधे गुजरात के बड़े शहरो में जाकर बेच पाएंगे.

सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से चर्चा की है. उन्होंने इसका समय बदलने की मांग की है. अभी ट्रेन दोपहर में अलीराजपुर से बड़ौदा के लिए रवाना होती है. सांसद और स्थानीय लोगों की मांग है कि इसका समय सुबह किया जाए. सुबह अलीराजपुर से ट्रेन रवाना होकर शाम को वापस आए. उन्होंने स्टेशन के बाहर 100 फीट ऊंचा तिरंगा झंडा लगाने की मांग की है.

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