मायावती ने क्यों छोड़ा कांग्रेस का साथ, कमलनाथ ने किया खुलासा

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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने खुलासा कर दिया है कि किन वजहों से बसपा मुखिया मायावती से गठबंधन की कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं.

कमलनाथ ने कहा कि एक तो सीटों की संख्या और दूसरे विशेष सीटों की मांग पर मतभेद रहे. बसपा की ओर से जो सीटें मांगीं जा रहीं थीं, उन पर जीत का न कोई कांबिनेशन नजर आ रहा था और न कोई फार्मूला दिख रहा था. ऐसी सीटें बसपा मुखिया मायावती ने मांग लीं, जहां हजार वोट से ज्यादा उन्हें नहीं मिल पाते.

कांग्रेस ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी को 25 सीटें ऑफर कीं थीं. यहां तक कि कहा गया कि अगर वे बीजेपी को हराने में कामयाब हैं तो 230 में से 30 सीटें भी पार्टी देने को तैयार है. मगर मायावती 50 सीटों से कम पर समझौते को तैयार ही नहीं थीं

उन्होंने बताया की मायावती ने छिंदवाड़ा में भी एक सीट मांगी. इस लोकसभा क्षेत्र से कमलनाथ नौ बार से सांसद चुने जाते रहे हैं.

2013 के विधानसभा चुनाव और आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर देखें तो बसपा के साथ गठबंधन से कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 40 से 50 सीटों पर बढ़त मिल सकती थी.

हालांकि कांग्रेस नेता कमलनाथ इससे इत्तफाक नहीं रखते और इसे बहुत सैद्धांतिक मूल्यांकन करार देते हैं. कमलनाथ ने कहा-जिन सीटों पर मायावती जोर दे रहीं थीं अगर वे सीटें उन्हें मिल जातीं तो एक प्रकार से ये सीटें बीजेपी को उपहार में चलीं जातीं.

उन्होंने कहा कि बसपा मुखिया मायावती एक-एक सीट छिंदवाड़ा और इंदौर में एक सीट चाहती थीं. जहां वे एक हजार से ज्यादा वोट नहीं पा सकतीं थीं.फिर भी ये सीटें क्यों चाहतीं थीं, हम नहीं जानते.

यही वजह है कि गठबंधन को लेकर बातचीत विफल हो गई. 230 विधानसभा सदस्यों वाले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे.

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