बागी प्रत्याशी तिलकराज वापस लेंगे नामांकन

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*मानपुर में कांग्रेस की बैठक पर किया एलान*
उमरिया – (तपस गुप्ता) कांग्रेस पार्टी द्वारा पहली बार घोषित किये गए सूची में शामिल कांग्रेस प्रत्याशी तिलकराज अंततः पार्टी से बगावत न करने का एलान कर दिया है वह आगामी निर्धारित तिथि में अपना नामांकन वापस लेने का मन बनाया है। जानकारी के मुताबिक मानपुर मुख्यालय में आयोजित कांग्रेस की एक बैठक में तिलकराज सिंह ने घोषणा कर कहा कि वह कांग्रेस के साथ है कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी ज्ञानवती सिंह का समर्थन करेंगे। बताया गया है कि तिलकराज सिंह कांग्रेस की उक्त बैठक में इस बात का समर्थन किया है कि वह पार्टी से अलग नही है। गौरतलब है कि जिला पंचायत सदस्य तिलकराज सिंह को कांग्रेस पार्टी ने पहले अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन किन्ही कारणों से उनका नाम कट गया और मानपुर विधानसभा क्षेत्र से जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानवती सिंह को अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया गया जिसके बाद तिलकराज सिंह ने बगावती तेवर के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर चुनाव लड़ने का मन बनाया था। चर्चा में मिली जानकारी के मुताबिक ज्ञानवती सिंह सहित कांग्रेस के कुछ नेताओं ने तिलकराज सिंह से संपर्क किया और नामांकन वापस लेने की बात कही लेकिन वह नही माने लेकिन कुछ समय उपरांत मानपुर क्षेत्र के कुछ प्रभावशील नेताओ के कहने पर तिलकराज सिंह ने अपना नामांकन पत्र वापस लेने की बात कही है। बताया जाता है कि तिलकराज के कुछ बातों पर अमल करने की बात पर यह स्थिति बनी है। बहरहाल इस मामले में तिलकराज सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने खुलकर कुछ नही कहा यह जरूर कहा कि मैं अभी मीटिंग में हु मेरा प्रचार कार्य चल रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट नही किया कि वह किसका प्रचार कर रहे है।
*कांग्रेस समर्थक हुए एक*
जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस के असन्तुष्ट रहे नेता और समर्थक अब एक हो चुके है। बताया गया है कि सभी के गिला शिकवा को दूर करने व चुनावी माहौल को मजबूत करने के लिए मानपुर में एक बैठक आयोजित कर सभी की राय ली गई है जिसमे सभी ने खुलकर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
*ज्ञानवती के ज्ञान से विरोधी भी शिथिल*
चर्चा तो यह भी है कि मानपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी के रूप में ज्ञानवती सिंह के नाम आ जाने के बाद कुछ नामी कांग्रेसी अंदरूनी नाराज थे जो उनके विरोधी बताये गए है जिन्हें साथ लेने के लिए ज्ञानवती सिंह ने अपने ज्ञान का उपयोग कर उन्हें मना लिया है और खुद को विजय श्री दिलाने का आशीर्वाद भी प्राप्त कर लिया है।

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