नक्सलवाद खत्म करने आये केपीएस गिल को वेतन लो और मौज करो कि सलाह देने वाले रमन सिंह की चिंता सिर्फ चुनावी – कांग्रेस

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रायपुर।दंतेवाड़ा जिला में हुई नक्सली घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर नक्सलवाद को लेकर चिंता जाहिर कि  कांग्रेस ने नक्सलवाद को लेकर रमन सिंह की चिंता को चुनावी चिंता करार दिया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने दंतेवाड़ा जिले में हुई नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते कहा कि रमन सिंह सरकार में माओवाद को खत्म करने की इच्छाशक्ति की कमी थी। 2006 में एंटी नक्सल स्ट्रेटेर्जी विभाग बनाकर पंजाब को आतंकवाद से मुक्त कराने वाले केपीएस सिंह गिल को सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था। लेकिन उन्हें नक्सलवाद के खिलाफ कार्यवाही करने निर्देश देने के बजाये डॉ रमन सिंह ने गिल को वेतन लेने और सरकारी मौज करने की सलाह दिए थे इससे स्पष्ट हो गया कि  रमन सिंह सरकार कि मानसिकता नक्सलवाद खत्म करने की नहीं रही। उन्होंने कहा नक्सलवाद के आड़ में रमन सिंह सरकार में विकास कार्यों का बंदरबांट कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का खेल खेला गया। नक्सल भय दिखाकर पांचवी अनुसूची क्षेत्रों के निवासियों को उनके घरों से बेदखल किया गया। खनिज संपदा वन संपदा को भाजपा के समर्थित उद्योगपति देने की योजना थी। खनिज संपदा का दोहन करने आदिवासियों के 700 से अधिक गांवों को भी खाली कराया गया। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 15 साल में सड़क बिजली पानी, शिक्षा स्वास्थ्य सुविधा, सुरक्षा, रोजगार पहुंचाने में नाकाम रही। नक्सलवाद को खत्म करने की मानसिकता रमन सरकार में कभी नहीं दिखा है। इनके कार्यकाल में दक्षिण बस्तर के 3 ब्लॉक से नक्सलवाद बढ़कर 14 जिलों तक पहुंचा। छत्तीसगढ़ में बढते नक्सल घटनाओ के लिये रमन सरकार जिम्मेदार है।

 

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