महाभियोग हर प्रश्न या समस्या का जवाब नहीं हो सकता : जस्टिस जे. चेलमेश्वर

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नई दिल्ली : कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर भारत के सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने का प्रस्ताव तैयार किया था. कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर कई विपक्षी दलों ने अपनी सहमति भी दे दी थी.

लेकिन संसद का सत्र समाप्त होने के साथ ही महाभियोग की खबरों पर विराम लग गया है. उधर, चीफ जस्टिस का विरोध कर सुर्खियों में आए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने भी महाभियोग प्रस्ताव का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि महाभियोग हर प्रश्न या समस्या का जवाब नहीं हो सकता.

चेलमेश्वर ‘लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. मीडिया से बात करते हुए जस्टिस जे. चेलमेश्वर से जब पूछा गया कि क्या प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग के लिए पर्याप्त आधार है, तो उन्होंने कहा कि महाभियोग हर प्रश्न, समस्या का जवाब नहीं हो सकता. इसके लिए सिस्टम को सुधारने की जरूरत है.

रोस्टर आवंटने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश जिम्मेदारी के साथ रोस्टर के सर्वेसर्वा हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित ही मुख्य न्यायाधीश मास्टर ऑफ रोस्टर होते हैं. केसों के बंटबारे की सीजेआई को पूरी पावर होती है, लेकिन नियमानुसार इस पावर में कुछ निश्चित जिम्मेदारियां भी होती हैं. इसलिए लोक भलाई के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए पीठ आवंटन किया जाए.

जस्टिस चेलमेश्वर जून में अपने पद से रिटायर हो रहे हैं. रिटायरमेंट के बाद काम के सवाल पर उन्होंने कहा कि 22 जून को सेवानिवृत होने के उपरांत वह सरकार से कोई पद नहीं लेंगे.

(साभार : जी न्यूज़ हिंदी )

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