रामपुर में काश्तकारों के आंदोलन से थम गए कोयला उत्पादन के पहिए मांग पूरी होने तक निरंतर चलता रहेगा आंदोलन प्रबंधन के माथे पर चिंता की लकीरें

0

चंद्रेश मिश्रा की कलम से

धनपुरी (जोगी एक्सप्रेस)-वर्षों से बहुप्रतीक्षित मेगा प्रोजेक्ट रामपुर बटुरा इस वर्ष शुरू तो हो गया लेकिन प्रबंधन की वादाखिलाफी के चलते बहुत ही जल्द काश्तकारों के आक्रोश की वजह से यहां उत्पादन के पहिए थम गए स्थानीय काश्तकार प्रबंधन की वादाखिलाफी की वजह से आंदोलन की राह पर चल चुके हैं और इस बार आर पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं काश्तकारों का कहना है कि प्रबंधन बीते दो दशकों से हमें आश्वासनों का झुनझुना पकड़ाते आया है लेकिन अब हम प्रबंधन की झूठी बातों को नहीं मानेंगे रामपुर में सैकड़ों की संख्या में काश्तकार संगठित होकर आंदोलन कर रहे हैं जिसकी वजह से रामपुर का कोयला उत्पादन पूरी तरह से चौपट हो चुका है काश्तकारों को आंदोलन करने से रोकने के लिए रविवार की शाम लगभग 5 बजे ग्राम पंचायत भवन रामपुर में एसडीएम तहसीलदार मुख्य महाप्रबंधक उप क्षेत्रीय प्रबंधक एवं काश्तकारों के बीच लगभग 2 घंटे चर्चा हुई लेकिन यह वार्ता पूरी तरह से विफल हो गई आंदोलन की रणनीति पर मजबूती से कदम बढ़ाते हुए काश्तकार सोमवार की सुबह आंदोलन को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए कमर कर चुके थे सभी काश्तकार संगठित होकर आंदोलन कर रहे हैं जिसकी वजह से वर्षों से बहुप्रतीक्षित मेगा प्रोजेक्ट जिसके शुभारंभ को लेकर प्रबंधन वाहवाही लूट रहा था उस मेगा प्रोजेक्ट का कोयला उत्पादन पूरी तरह से चौपट करके आंदोलनकारी काश्तकारों ने प्रबंधन को दिन में तारे दिखा दिए सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार काश्तकार आर पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं गत दिवस के आंदोलन में महाप्रबंधक भी पहुंचे उन्होंने तरह-तरह की समझाइश दी लेकिन आंदोलनकारियों पर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और आंदोलन अनवरत चलता रहा मांगे पूरी होने तक यह आंदोलन इसी प्रकार चलता रहेगा कुल मिलाकर रामपुर में कोयला उत्पादन लंबे समय तक चौपट रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
आंदोलनकारियों की मांग—जिला कलेक्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में काश्तकारों ने अपनी प्रमुख मांगे शामिल किए हैं ग्राम रामपुर बेलिया दोनों ग्रामों का अधिग्रहण एसईसीएल द्वारा वर्ष 2009-10 ने किया गया था इसके बाद से लगातार किसानों द्वारा संपूर्ण संपत्ति के मुआवजा एवं पुनर्वास बसाहट के लिए मांग की गई थी लेकिन आज तक हमारी मांग अधूरी है रामपुर बेलिया दोनों ग्रामों में कुल 1324 रोजगार मंजूर हुआ था लेकिन आज दिनांक तक सिर्फ 141 लोगों को रोजगार दिया गया है जबकि भूमि पूजन के दौरान प्रबंधन के द्वारा कहा गया था कि 60 प्रतिशत रोजगार देने के बाद ही कोयला उत्खनन करेंगे जमीन के पेड़ पौधे मुआवजा निराकरण के लिए 2 माह का समय प्रबंधन के द्वारा मांगा गया था लेकिन आज तक निराकरण नहीं किया गया वर्तमान समय में 18 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके प्रत्येक हितग्राही को पुनर्वास का लाभ दिया जाना तय हुआ था लेकिन कंपनी द्वारा इस विषय पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा स्थाई बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार प्राइवेट कंपनी ढोलू मैं ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराया जाना था लेकिन प्रभावित किसानों को रोजगार नहीं दिया जा रहा एसडीएम तहसील कार्यालय में लंबित छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण रामपुर गांव के पंचायत भवन में शिविर लगाकर किया जाना था लेकिन आज दिनांक तक प्रशासन ने कोई पहल नहीं की हम पंचायत रामपुर द्वारा कई बार छोटी-मोटी कार्य सड़क पुलिया भवन की मरम्मत आदि को लेकर जनपद पंचायत जिला पंचायत को प्रस्ताव भेजा गया जिस पर अभी तक किसी प्रकार का समाधान नहीं किया गया ग्राम पंचायत रामपुर में स्थाई रोजगार सहायक एवं सचिव उपलब्ध ना होने के कारण लंबे समय से हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ ग्राम वासियों को नहीं मिल पा रहा है अतः स्थाई रोजगार सहायक एवं सचिव ग्राम पंचायत में उपलब्ध कराया जाए इसी प्रकार और भी कई महत्वपूर्ण मांग ज्ञापन में शामिल की गई है। प्रबंधन की वादाखिलाफी से नाराज काश्तकार आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से संगठित हो चुके हैं काश्तकारों का कहना है कि हमें आश्वासन नहीं समाधान चाहिए आंदोलन के दौरान सैकड़ों की संख्या में काश्तकार उपस्थित रहे इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए भूपेश शर्मा राजकमल मिश्रा रजनीश मिश्रा उपसरपंच पूर्व सरपंच झोले बैगा किसान नेता आदित्य त्रिपाठी ओम प्रकाश द्विवेदी जुगल किशोर शर्मा पंच संतोष साहू पंच शंकर साहू परेमिया बाई सरपंच जनपद सदस्य चंद्र कुमार तिवारी भगवानदास पाएगा प्रमोद बैगा पूर्व जनपद सदस्य नेम शाह राठौर पूर्व उपसरपंच राजू सोनी कमर कस चुके हैं। आंदोलन के पहले दिन ही जिस प्रकार से आंदोलनकारियों ने कोयला उत्पादन को चौपट कर दिया उसकी वजह से सोहागपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक के माथे पर चिंता की गहरी लकीरें साफ देखी जा सकती है अब देखना यह होगा कि काश्तकार अपनी मांग पूरी करवाने में सफल होते हैं या फिर प्रबंधन आश्वासन के पिटारे से कोई नया झुनझुना काश्तकारों को निकाल कर देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *