अमलाई ओ सी एम से साइडिंग तक मे चल रही कोयले की हेराफेरी

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कोयला तस्करों की कट रही चाँदी अमलाई ओ सी एम के कोयले से माला माल हो रहे अधिकारी और कर्मचारी

धनपुरी,(जोगी एक्सप्रेस) कहावतों में बुजुर्गों ने सच्चाई रखी होगी तभी तो आज भी कहावते सही साबित होती है। जैसे कहावत है कि घी खाने को न हो तो चलेगा पर दिखावे के लिए जरूरी होता है। जब आग लगती है तो क्या घी क्या पेट्रोल दोनो ही जलाते है। कहावतो और कहानियों से निकल कर हम आपको ले चलते है भ्रष्टाचार और कोयले की कालिख़ में डूबे भ्रष्टाचारियों के बारे में अमलाई खुली खदान से साइडिंग के लिए रात में जो कोयला निकलता है वह अपने गतंव्य स्थानों के लिए निकलता तो रोज ही है पर अपने गतंव्य न पहुँच कर सीधे कोल माफियाओ के ठीहो पर पहुँच जाता है। सूत्रों की माने तो कालरी के ही कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत से कोयला पूरे कोयलांचल में बिकने लगा है। सूत्रों की माने तो रात में कोयला बुढ़ार साइडिंग और सांगवा साइडिंग के लिए अमलाई ओ सी से निकलकर सीधे तस्करों के पास पहुँच जाता है।अब तो कोयला माफियो का साम्राज्य स्थापित हो गया है। रात होते की कोल माफिया सक्रिय हो जाते है और अमलाई ओ सी एम के आस पास अपनी महंगी करो में बैठ कर पूरा खेल संचालित कर रहे है।सूत्रों ने बताया कि ट्रकों में कोयला साइडिंग के लिए निकलता है और माफियाओं के यहाँ बे रोकटोक पहुँच जा रहा जिसमे ट्रक चालक को उसका हिस्सा दे कर माफिया अपनी मर्जी से कार्य को अंजाम देते है।
इस बात की जानकारी जब हमारे प्रतिनिधि को पता चली तो उन्होंने इस कि तह तक जाने की पूरी कोशिश की जिसमे पता चला कि बिना नंबरों के डंफरो में भीड़ भाड़ का फायदा उठा कर बीच मे एक एक गाड़ी करके कोयला लोड करवा लिया जाता है। और बूम बैरियल में लगे तीसरी आंख को चकमा दे कर डम्फर चालक बड़ी आसानी से कोयला अमलाई ओ सी एम से पार कर रहे है। सूत्रों की माने तो कालरी के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण ही यह पूरा खेल चल रहा है। यदि एस ई सी एल प्रबंधन इसकी जांच करती है तो जल्द ही कई लोग बेनकाब होंगे व एस ई सी एल को लगातार हो रहे घाटे और चोरी को रोका जा सकता है।एस ई सी एल मे इतनी बड़ी कोयले की हेराफेरी चल रही है और इसकी भनक तक प्रबंधन को नही ये बात सामझ से परे है एस ई सी एल के कर्मचारियों और अधिकारियों की बिना मिलीभगत के यह काम धड़ल्ले से चल रहा और प्रतिदिन लाखो रुपए का कोयला कोल माफियाओं के अड्डे पर कैसे पहुँच रहा ? यह सवाल ही अपने आप मे कई संदेहों को जन्म देता है कि इतने सारे कर्मचारियों की आँखों मे धूल झोंक कर कोल माफिया फिर कैसे सक्रियता से कोयला साइडिंग से पहले अपने ठीहो तक कैसे पहुँचा रहे है? अंतहीन सवालों के साथ ही अमलाई ओ सी एम की कार्यप्रणाली पर माफियाओं की गिद्ध दृष्टि कब तक बदस्तूर जारी रहेगी यहां तो प्रबंधन की सक्रियता से ही पता चलेगा जाँच होगी कि नही यह भी एक बड़ा मसला है या इस बात को भी कोयले की कालिख के साथ मिटा दिया जाएगा
यह कहना बिल्कुल अतिश्योक्ति नही होगी कि बिना कालरी के कमर्चारियों के यह खेल कैसे चल रहा है।

हाई टेक संसाधनों से होते है लैस
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कोल माफियाओं के गुर्गे मोबाइल से सारी सैटिंग करते है और ज़रा सी भी लापरवाही नही बरतते एक कालरी कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि माफियाओ के साथ 10 से 15 लोगो की टोली होती है और उनके पास हथियारों से लैस रहते है हम लोग बाल बच्चेदार लोग है विरोध यदि करते है तो यहाँ के अधिकारी हमे ही नोटिस दे कर बिठा देंगे हम अपनी भलाई इसी में समझते है जो जैसा चल रहा है चलता रहे, प्रबधंन खुद सक्षम है। वो अपने ढंग से कार्य करता है।

नया नही है कोल माफियाओं और कालरी के कर्मचारियों से मिलीभगत का खेल

आपको बता दे कि इसके पूर्व भी इस तरह की घटनाओं को कोल माफिया अंजाम देते आ रहे है। कुछ माह पूर्व भी अगर देखे तो धनपुरी ओ सी एम से भी इसी तरह कोयले की हेराफेरी जारी थी वो तो चचाई पुलिस ने सही समय पर कोयले की इस हेर फेर को उजागर किया था जिसमे एस ई सी एल के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई थी और कार्यवाही शुरू हुई भी थी लेकिन कार्यवाही से पहले ही सब कुछ मैनेज कर लिया गया था।
लेकिन अमलाई ओ सी एम में इस तरह की घटना पहली बार हो रही है यह कहना ग़लत होगा,

नम्बर प्लेट से होता है खेल

आपको बता दे कि धनपुरी ओ सी एम की ही तर्ज पर पर नम्बर प्लेट पर दूसरा नम्बर लगा कर गाड़ियों से कोयला तो लोडिंग लेते है परंतु गेट के बाहर निकलते ही दूसरी नम्बर प्लेट लगा दी जाती है।

साइडिंग की जगह कोयला जा रहा माफियाओं के अड्डे

आप को बता दे कि सोहागपुर एरिया स्थित विभाग के कोयले की कालिख़ से दामन के साथ साथ अब लोगो के ईमान पर भी कालिख़ की पुताई हो गई हो जैसे
अमलाई ओ सी एम में कई बार हमने एस ई सी एल प्रबंधन का ध्यान कोल माफियाओं की बढ़ती घटनाओं के बारे में ध्यानआकर्षण करवाया लेकिन कुछ दिन की कार्यवाही के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
आपको बता दे कि बुढ़ार साइडिंग और संगमा साइडिंग के लिए डम्फर निकलते तो है लेकिन वो अपने मालिको के यहाँ कोयला डंप कर मोटी रकम वसूल करते है।

कब जागेगा एस ई सी एल प्रबंधन

अमलाई ओ सी एम में सुरक्षा प्रहरियों की तैनाती की गई है वही चोरी को रोकने के लिए जगह जगह सी सी टी वी कैमरे भी लगाए गए है। परंतु कोल माफियो के शातिर दिमाग़ के आगे एस ई सी एल प्रबंधन बेबस नज़र आता है।और सुरक्षा के सारे उपाय फेल हो जाते है।

सबको मिलता है हिस्सा

सूत्रों की माने तो अमलाई ओ सी एम से साइडिंग के लिए निकलने वाले दो नम्बर के कोयले से ट्रक चालक को दस हज़ार रुपए और लोडिंग करने वाले को तीन हजार रुपए वही इस खेल में एस ई सी एल के बड़े अधिकारियों को भी एक बड़ा हिस्सा दिया जाता है। वही बूम बैरियल को एक हजार की चढ़ोत्तरी चढ़ा का आसानी से कोयला पार करने का सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा है। गौरतलब बात यह है कि जब बड़े बड़े अधिकारी इस मे शामिल हो तो फिर प्रबंधन क्या और किसी रखवाली करेगा।

इनका कहना है
इस तरह की घटना यदि अमलाई ओ सी एम में हो रही है आपने बताया है हम सारे सीसीटीवी फुटेज निकलवाते है। और जो भी दोसी होगा उस पर निस्संदेह कानूनी कार्यवाही करेंगे
जुल्फकार अख्तर अंसारी
अमलाई ओ सी एम
छेत्रिय प्रबंधक

इनका कहना है
हमारे यहाँ से कोयला चोरी ट्रकों से हो रहा है जानकारी मिली है हम सीसीटीवी फुटेज आज ही निकलवाते है और कार्यवाही करते है।
अनुराग शेखर दुबे
मैनेजर अमलाई ओ सी एम
सोहागपुर छेत्र

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