जनता के लिए विरोध या फिर अपने लोगों को खनन करवाने के लिए छूट।

0

मानसून सत्र में रेत उत्खनन बंद होनें के बाद सामनें आये वीरेश सिंह( रिंकू भैया)विरोध करने पहुंचे मसीरा खदान।

शहडोल।(अविरल गौतम) मानसून सत्र की शुरुआत होनें से रेत उत्खनन पर 30 जून की मध्यरात्रि से प्रतिबंध लग गया है।प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही शहड़ोल जिले में रेत उत्खनन का कारोबार कर रही कंपनी वंशिका कंस्ट्रक्शन भी इस दायरे में हैं।लेकिन बीती रात ब्यौहारी क्षेत्र से कुछ ऐसा मामला समनें आया जिसनें रेत उत्खनन के इस कारोबार को नया मोड़ दे दिया हकीकत क्या है ? यह तो जांच का विषय है लेकिन बीते कुछ दिनों से जिस‌ तरह से जिले में मानसून सक्रिस नहीं है उससे इतना तो तय है कि इस मौके का भी रेत कारोबारी पूरा लाभ कमाना चाहते हैं।कुछ ऐसी ही खबर ब्यौहारी क्षेत्र से देर रात सामनें आई जानकारी के मुताबिक रेत उत्खनन करनें की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा की गई ।स्थानीय स्तर के लोगों नें इस क्षेत्र के पूर्व भाजपा नेता बीरेश सिंह को जानकारी देते हुये बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास के लिये रेत नहीं मिल पा रही है।और प्रतिबंध के बाद भी लगातार उत्खनन किया जा रहा है। जिसके बाद मौके पर रिंकू सिंह अपनें कुछ साथियों और स्थानीय लोगों के साथ मौके पर पहुंचे।जहां वंशिका ग्रुप के कुछ लोगों से उनकी बात चीत भी हुई, और सूत्रों की मानें तो बातचीत की दौरान धक्का मुक्की भी हुई, खनन कारोबारियों की मानें तो वंशिका ग्रुप द्वारा मसीरा खदान 30 जून को बंद कर दी गई थी। बावजूद इसके खदान का संचालक 30 जून के बाद भी किया जा रहा था। इसलिए हम लोग मशीन एवं खदान पर कार्यवाही करवाने के लिए अपनी टीम के साथ पहुंचे थे, लेकिन वहां पर माहौल कुछ और था इसलिए हमने रिंकू भैया एवं अन्य लोगों को बुलवाया है।

जब पूरे मामले की हमनें पड़ताल की तो जानिये क्या कुछ सामनें आता है।

इस मामले पर टीआई जयसिंहनगर राजेश चंद्र मिश्रा से बात की तो उनका कहना था कि ऐसी कोई अप्रिय घटना वहां पर नहीं घटित हुई है… वंशिका कंस्ट्रक्शन द्वारा 30 जून को खदान बंद कर दी गई है जिसकी सूचना उन्हें भी है और प्रशासन को भी है लेकिन हमें विवाद की सूचना मिली जिसके कारण हम लोगों को पहुंचना पड़ा लेकिन मसीरा खदान में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ कि जिससे वंशिका ग्रुप या अन्य लोगों पर खनन करने का आरोप सिद्ध होता दिखाई पड़ रहा है । इस उपस्थित वहां के गांव के लोगों ने भी देखा है लेकिन कुछ आपसी विवाद हुआ है जिस पर हम ने मामला पंजीबद्ध किया है।

राजेश चंद्र मिश्रा निरीक्षक
जयसिहनगर , शहड़ोल

दर्ज मामले नें खोली पोल….

इस पूरे घटना क्रम का असल सच चाहे जो भी हो लेकिन मामला रेत उत्खनन से जुड़ा नहीं है ऐसा नहीं कहा जा सकता। पूरे मामले की दस्तक पुलिस की चौखट तक भी पहुंची और ग्राम पंचायत पसौड़ रोजगार सहायक धर्मेंद्र सिंह(टिंकू) कनाड़ी तीरथ प्रसाद शर्मा और वीरेश सिंह (रिंकू) और पूर्व जनपद उपाध्यक्ष शिब्बू सिंह रेउसा के मामला दर्ज हुआ है।

इस विषय में हमने रिंकू भैया से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना था कि वहां पर ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ हमने लोगों को समझाया है, अवैध उत्खनन नहीं होगा। लोगों को प्रधानमंत्री आवास के लिए रेत नहीं मिल रही है लेकिन रेत यहां से उत्तरप्रदेश जा रही है और हम इसका विरोध करते हैं हम दो-तीन साल से चुपचाप थे लेकिन अब स्थानीय लोगों नें जब आकर हमसे अपनी समस्या बताई और कहा कि अब आपको कुछ करना पड़ेगा नहीं तो हम लोगों का अस्तित्व खतरे में है और हमारे लोगों को टारगेट बनाया जा रहा है तो हमें सामनें आना पड़ा। रिंकू भैया ने यह भी कहा कि भविष्य में भी जिस तरह की आवश्यकता इस क्षेत्र को खनन माफियाओं से बचाने के लिए करना पड़ेगी तो मैं उसके लिए आंदोलन के लिए भी तैयार हूं और रोड ऊपर उतर के इसका विरोध प्रदर्शन करूंगा।

(वीरेश सिंह, रिंकू भैया)
समाजसेवी

शिकायतकर्ता क्या कहता है उसको भी सुनी है,

आपको बता दें कि सतीश चतुर्वेदी ने यह बताया कि रिंकू भैया वह शिब्बू सिंह तथा तीरथ शर्मा व धर्मेंद्र सिंह अपने जन बल हथियार बंद लोगो के साथ ग्राम पंचायत मसीरा में बन्द पडी रेत खदान वंशिका ग्रुप में कार्यरत ग्राम पंचायत के लोगो के साथ अभद्र गली गलौज और लोगो के साथ धक्का मुक्की की गई जान से मारने की धमकी दी गयी शिब्बू सिंह ने यह भी कहा कि अगर पैसा लेकर किनारे होते हो तो ठीक है नही तो जान से मार दिए जाओगे बहरहाल पूरे मामले को विवेचना में लिया गया है लेकिन पर्दे के पीछे का सच आना अब भी बाकी है।

सतीश चतुर्वेदी, शिकायतकर्ता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed