नदी-नालों पर स्टॉप डेम एवं चेक डेम बनाने के प्रस्ताव तैंयार करें-कमिष्नर चम्पावत
JOGI EXPRESS
सिंचाई परियोजनाओं के लिए किसानों का उपयोगकर्ता ग्रुप बनाने के निर्देष ,संभाग स्तरीय जल उपयोगता समिति की बैठक संपन्न
अम्बिकापुर सरगुजा संभाग के कमिष्नर श्री अविनाष चम्पावत ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अधिकारियों को निर्देष दिये है कि वे निर्मित सभी सिंचाई परियोजनाओं से सिंचाई का बेहतर लाभ किसानों को उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई परियोजनाओं के आस-पास के किसानों को संगठित कर उनका उपयोगकर्ता समूह (यूजर गु्रप) बनायें। किसानों का यह उपयोगकर्ता समूह सिंचाई परियोजनाओं की देखभाल करेंगे और अपने क्षेत्र की नहरों आदि की सफाई आदि श्रमदान से कर सिंचाई का बेहतर लाभ उठायेंगे। कमिष्नर श्री चम्पावत ने यह निर्देष आज यहां कमिष्नर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न संभाग स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिये। बैठक में सरगुजा सांसद श्री कमलभान सिंह विषेष रूप से उपस्थित थे।
कमिष्नर श्री चम्पावत ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि सरगुजा संभाग के सभी जिलों में वाटरषेड के अनुसार छोटे-छोट नदी नालों में बरसात का पानी रोकने के लिए चेक डेम बनवाने का प्रस्ताव तैयार करें। ये चेक डेम जिला स्तर से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना या डीएमएफ की राषि से स्वीकृत किये जा सकें। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता से कहा कि वे सरगुजा संभाग के निर्माणाधीन सभी परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए आवष्यक राषि आंकलन कर लेवें। इसके साथ ही इन निर्माणाधीन योजनाओं को पूर्ण कराने में आ रही समस्याएं बजट की आवष्यकता, प्रषासकीय स्वीकृत और भूमि अधिग्रहण तथा यदि कोई अन्य कठिनाईयां हां तो उनका चिनहांकन कर लेवें और इन समस्याओं पर आधारित एक प्रतिवेदन तैयार करें, ताकि उस पर उचित कार्यवाही की जा सके। कमिष्नर ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे बड़ी सिंचाई परियोजनाओं के बदले छोटी सिंचाई परियोजनाओं तालाब, स्टॉप डेम और चेक डेम आदि का निर्माण कराकर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने पर विषेष ध्यान देंवे।
उन्होंनें कहा कि बड़ी परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए अधिक बजट की आवष्यकता होती है और उन्हें पूर्ण करने के लिए अधिक समय भी लगता है और इन परियोजनाओं की लागत के अनुपात में किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ भी समय पर नहीं मिल पाता है। कमिष्नर ने कहा कि छोटी सिंचाई परियोजनाएं तालाब, स्टॉप डेम, चेक डेम, का निर्माण कराने के साथ ही टूयूबेल से स्प्रिंकलर का उपयोग कर सिंचाई सुविधा बढ़ाई जा सकती है।
कमिष्नर श्री चम्पावत ने कहा कि लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के लिए उन सिंचाई परियोजनाओं के आस-पास के किसानों को संगठित कर किसानों का उपयोगकर्ता समूह बनाया जाये। इसके साथ ही स्टॉप डेम आदि के लिए फार्मर इन्ट्रेस्ट गु्रप (एफआईजी) बनाये जायें। उन्होंने कहा किसानों को उपयोगकर्ता समूह और एफआईजी बनाने के बाद उनके लिए कार्यषाला भी आयोजित की जाये, जिसमें उन्हें क्या कार्य करना है, उनकी विस्तार से जानकारी दी जाये। उन्होंनें कहा कि किसानों का उपयोगकर्ता गु्रप बनने से वे अपने क्षेत्र की सिंचाई परियोजना को अपना मानेंगे और उसकी देख-रेख करने में भी रूची लेंगे जिससे सिंचाई सुविधा का लाभ उन्हें अच्छी तरह से मिल सकेगा। कमिष्नर ने कहा कि इस वर्ष सिंचाई जलाषयों में उपलब्ध पानी का 50 प्रतिषत पानी आरक्षित रखने के बाद शेष पानी रबी फसलों की सिंचाई के लिए उपलब्ध करायें। उन्होंने जल संसाधन और कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे आपसी समन्वय से जरूरत के अनुसार ही सिंचाई जलाष्यों से पानी दिलायें, ताकि पानी की अनावष्यक बर्बादी न होने पाये।
बैठक में सांसद श्री कमलभान सिंह ने कहा कि निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं और वहां कराये जा रहे कार्यों की सूची उन्हें उपलब्ध कराई जाये, ताकि वे जब उन क्षेत्रों के दौरे पर जायें तो उन कार्यों का निरीक्षण कर सकें और उन सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए ग्रामीणों को आवष्यक समझाईष भी दे सकें। उन्होंने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभिंयता से पूछा की इस वर्ष कुवंरपुर जलाषय से पानी दिया जायेगा या नहीं इस पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एन.सी. सिंह ने बताया कि कुंवरपुर जलाषय से रबी फसल हेतु इस वर्ष पानी दिया जायेगा। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री एस.के.रवि ने बताया कि सरगुजा संभाग के अन्तर्गत 6 मध्यम एवं 465 लघु सिंचाई योजनाएं निर्मित हैं। इनके अलावा 147 सिंचाई योजनाएं निर्माणाधीन है। इनके पूर्ण होने से सरगुजा संभाग का सिंचाई का प्रतिषत 17.11 प्रतिषत से बढ़कर 27.11 प्रतिषत हो जायेगा। संयुक्त संचालक कृषि श्री सी.एन.सिंह ने रबि फसलों के लिए खाद, बीज की उपलब्धता और वितरण की जानकारी दी।
बैठक में सरगुजा संभाग के सभी पांचों जिलों के जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता और कृषि विभाग के उप संचालक उपस्थित थे।