*रो पड़ी महतारी एक्सप्रेस*रात में सेवा देने से वंचित है 102महतारी :जिम्मेदारी से पल्ला झाड रहे अधिकारी
जोगी एक्सप्रेस
कोरिया छत्तीसगढ़| घर से अस्पताल, अस्पताल से घर व छोटे से बड़े अस्पताल जाने के लिए गर्भवती महिलाएं महतारी एक्सप्रेस का नि:शुल्क उपयोग कर सकती हैं। 102 डायल कर एंबुलेंस बुलानी होती है अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार गर्भवती महिलाओ के लिए महतारी एक्सप्रेस एम्बुलेंस राज्य शासन ने चलाया और अब इस से वंचित हो गई है कोरिया जिले की महिलाएँ।।
योजना का प्रचार-प्रसार बड़ा रहे है एंबुलेंस का उपयोगीता घटाता जा रहा है
लापरवह हुआ राज्य शासन
पहले महतारी एक्सप्रेस का टोल फ्री नंबर 102 तय किया था। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली से इस नंबर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, इसलिए प्रयोग के तौर पर टोल फ्री नंबर 108 पर महतारी एक्सप्रेस चलाया जा रहा है। 108 संजीवनी एक्सप्रेस का कॉल सेंटर डेंटल कॉलेज कैंपस में है। महतारी एक्सप्रेस का कॉल सेंटर रजबंधा मैदान में है। 108 संजीवनी एक्सप्रेस के सीओओ ने बताया कि जब 108 नंबर कॉल आएगा, उसे महतारी एक्सप्रेस के कॉल सेंटर में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसमें लगभग 10 सेकंड लगेंगे। इसके बाद यहां के प्रतिनिधि कॉलर से विस्तार से बात करेंगे।
लेकिन ऐसा होता नहीं है हल ही में 102 पर कॉल किया गया तो 15 मिनट समय लगा उनको समझने में की ये चिरमिरी कहा हैं फिर कहा गया कि मेरी डियूटी 8 बजे खत्म हो जाती है और 102 की सेवा रात में बंद है आप सुबह कॉल कीजिये इतना बोल कर फोन काट दिया गया और जब दुबारा 102 में कॉल किया गया तो बताया गया कि 108 में कॉल कीजिये 102 रात में पूरी तरह से बंद है 102 महतारी एक्सप्रेस की जगह 108 गर्भवती महिला को अस्पताल तक ले कर गई ।। सारी सुविधा देने के बजाये अधिकारी अपना पलड़ा झाड़ देते है ।।
कोरिया जिले में 108 एम्बुलेंस की शुरुआत सन2011 में की गई थी ।जो की शासन की एक अच्छी पहल थी 108 ,102 के आ जाने से काफी हद तक रहत मिली लाखो की जान बचाने में सहायता मिली । वही ग्रामीणों व वनांचल क्षेत्र में जहाँ लोगो को अस्पताल आने जाने की सुविधा नहीं उन तक ये सुविधा शासन के माध्यम से पंहुचायी गई । सड़क दुर्घटना आपात स्थिति में 180,102 एक वरदान के रूप में सामने आई जो वास्तव में संजीवनी का काम कर रही है ।। आज इस संजीवनी की हालत बहुत खस्ता है कभी ब्रेक डाउन रहती है पुरे कोरिया जिले में सात 108 एम्बुलेंस है और 12 महतारी एक्सप्रेस संचालित है जिसमे से कई 108 एम्बुलेंस के ब्रेक डाउन है और 102 के कई एम्बुलेंस बंद पड़ी है और जो एम्बुलेंस चल रही है उसकी हालत खराब है ख़ास तौर पर 108 लगभग 3लाख 3.5का सफर कर चुकी है 24 घंटे चलने से उसके पॉट्स भी ख़राब होते है जिसकी सुध लेना वाला भी कोई नहीं ।।सर्विसिंग के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है जो सामान ख़राब हो जाता हैं उसे जी .वी. के कम्पनी के उच्च अधिकारियों द्वारा बदलवाया ही नहीं जाता।जिस कारण से एम्बुलेन्स बार बार ख़राब होती है जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ता है। एम्बुलेन्स नहीं होने पर आपात कालीन स्थिति में मरीज की जान भी चली जाती है ।।एम्बुलेन्स ख़राब होने या पाट्स टूट जाने से उल्टा चालक के ऊपर दोष मड दिया जाता है और अधिकारी अपना पल्ला झाड़ देते है ।। मरीज को लाने के लिए खस्ताहाल एम्बुलेंस का उपयोग किया जाता है जब की यह एक जीवन रक्षक अभियान है इस अभियान में चल रही सारी एम्बुलेंस को हमेसा अपटूडेट होना चाहिए ताकि सही समय में सुविधा का लाभ ले सके।।।आये दिन जिला अस्पताल बैकुंठपुर एवं सी.एस. सी मनेन्द्रगढ़ से गंभीर मरीज, अक्ससीडेंटल ,व जले हुए मरीज को बैकुंठपुर बिलासपुर अंबिकापुर ,रायपुर रिफर किया जाता है जो की जिले में चल रही एम्बुलेन्स इतनी दुरी तय करने की स्थिति में नहीं है साथ ही उनके द्वारा रिफर केस ले जाने में उस क्षेत्र लोगो को समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाते जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिले में दो ए. एल .एस एम्बुलेंस की आवश्यकता है जो पूरे मेडिकल यूनिट से लैस है जिसमे गंभीर मरीज को देखभाल के लिए उपकरण लगे हों मेडिसिन उपलब्ध हो इस प्रकार की सुविधाए अतिशीघ्र उपलब्ध कराया जाये।। जर्जर एम्बुलेंस को जल्द ही बदला जाये ताकि इस अभियान से अच्छी सुविधा मिले सके।। जिले के कई ब्लाकों में 102 की रात्रिकालीन सुविधा बंद रहती है जबकि शासन द्वारा यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रखने के लिए ही बनाई गई है क्यूकि दुर्घटना का कोई समय नहीं होता इस लिए इस आपातकालीन सुविधा को बंद नहीं रख जा सकता जबकि इसे चलाने के लिए ट्रेनिग दी जाती है फिर भी रात्रिकालीन सुविधा बंद क्यू रहती है।। चिरमिरी सी.एस .सी 102 गाडी नम्बर सी.जी 02-5620 पी. एस. सी पोड़ी (बचरा)102 गाडी नम्बर सी .जी 02 -5625 साथ ही 102 एम्बुलेंस की ब्रेक डाउन रहती है इसके जिम्मेदार जी.वी. के इ.एम. आर.आई के उच्चाधिकारी है।।।।
ए. एन. अशरफ़ी
प्रदेश प्रदेश प्रतिनिधि छत्तीसगढ़