प्रदेशवासीयों के हक और हलाल का पैसा पानी की तरह बहा रही प्रदेश सरकार :अजीत जोगी
जोगी एक्सप्रेस
बाबा खान
रायपुर छत्तीसगढ़
रायपुर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी ने कहा है कि प्रदेश की रमन सरकार में हर साल की भांति इस वर्ष भी लोकसुराज अभियान का पूनःर्जन्म हो रहा है जो यह सिध्द करता है की भाजपा सरकार जनता की समस्याओं से रूबरू तो होती है परन्तु निराकरण की दिशा में कोई तबदीली विगत 13 वर्षो में नजर नहीं आई है जो सरकार की कथनी एवं करनी मे जमीन आसमान का अंतर स्पष्ट दर्शाता है। विगत 13 वर्षो में प्रदेश सरकार अभियान के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई है। इस बीच सुराज अभियान के दौरान आवेदनों का अंबार बढ़ता ही जा रहा है। इस अभियान में प्रदेशवासीयों के हक और हलाल का पैसा पानी की तरह बहाया जाता रहा है परन्तु अभी तक हासिलआया शून्य ही पल्ले पड़ा है । रमन सरकार का यह आयोजन मात्र दिखावा है । अभियान के बहाने मंत्रीगण एवं अधिकारी व कर्मचारी तथा भाजपा के कार्यकर्ताओ की केवल पिकनिक हो जाती है। प्रदेश की जनता को इस अभियान के माध्यम से संतुष्ट करने में प्रदेश सरकार पूर्णरूपेण विफल सिध्द हुई है ।
श्री जोगी ने लोक सुराज अभियान को भाजपा का सत्ता पर बने रहने का स्वराज की संज्ञा देते हुए कहा है कि पिछले सुराज अभियानों की अफसलता से भी रमन सरकार ने सबक नहीं लिया है। डाॅ रमन सिंह इस अभियान को यदि सार्थक बनाना चाहते है तो वह तुरंत प्रदेश की जनता की मांग के अनुरूप तत्काल शराबबंदी लागू करें अन्यथा सन 2018 में प्रदेश की शराबबंदी की पक्षधर जनता प्रदेश को भाजपा मुक्त बनाने का संकल्प ले चुकी है। उन्होने आगे कहा है कि जोगी सरकार आते ही 24 घंटे के अंदर शराबबंदी का निर्णय लेने संकल्पित है ।
श्री जोगी ने जनता से आवाहन किया है कि सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री एवं मंत्रीयों का स्वागत शराबबंदी के पक्ष में नारे लगाकर करे तथा जब तक सरकार शराबबंदी की घोषणा नहीं करती है । इस खर्चीले लक्ष्यहीन अभियान का बहिष्कार करे। जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओ से अपील है की इस खोखले एवं दिखावटी अभियान के विरोध में शांतिपूर्ण अहिंसात्मक विरोध प्रदेश के सभी आयोजन स्थलों पर करे।
श्री जोगी ने कहा है कि सुराज अभियान के आयोजन स्थल की ग्रामसभा में शराबबंदी का प्रस्ताव पारित करे तथा उस प्रस्ताव की प्रति कार्यक्रम के मुख्यअतिथि मंत्री के सुपूर्द कर अपनी शराबबंदी के प्रति निर्णय एवं सोंच का इसहार करे। ग्रामसभाओं की शराबबंदी की दिशा में किया जाने वाला यह प्रयास प्रदेश एवं जनहीत में होगा। ऐसी प्रक्रिया की अपेक्षा सभी पंचायतो सहिंत नगरीय निकायों से भी की जाती है ।