एम्स का निरीक्षण कर डारेक्टर डॉ. नागरकर की उपस्थिति में चिकित्सकों की बैठक के बाद विधायक विकास उपाध्याय ने कहा रायपुर एम्स देश में सबसे बेस्ट
रायपुर। एक कोरोना मरीज का एम्स में आज रात तीसरे मंजिल से कूद कर जान देने की घटना के बाद विधायक विकास उपाध्याय एम्स पहुँच कर पूरे केम्पस का निरीक्षण किया। विकास इस दौरान कोविड सेंटर भी गए और बारीकी से इस बात की फड़ताल की कि कोई अव्यवस्था तो नहीं है। इसे देखने के बाद विधायक विकास उपाध्याय एम्स की चुस्त व व्यवस्थित व्यवस्था देख अचंभित थे और कहा रायपुर एम्स देश का सबसे बेस्ट संस्थान है जो कोरोना को लेकर काम कर रही है। उन्होंने इसके लिये एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर को पूरे प्रदेश की जनता की ओर से धन्यवाद दिया है।
विकास उपाध्याय ने कोरोना मरीजों के साथ पिछले कई महीनों से लगातार हो रही बात चीत और उनके उचित इलाज के संबंध में अपना अनुभव साझा करते हुए कहा आज भी लोगों में इस वायरस का पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद लोग उम्मीद से ज्यादा घबरा जा रहे हैं। यहाँ तक कि अच्छे अच्छे पड़े लिखे तंदुरुस्त लोगों में भी बेवजह घबराहट की वजह से तबियत ज्यादा बिगड़ रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी है।एम्स में भी जिस मरीज ने आत्महत्या की सिर्फ इसी वजह से की, इसमें एम्स प्रबंधन की कोई चूक नजर नहीं आई। जबकि गौर करने वाली बात ये है कि इलाज़ के बाद लोग ठीक हुए हैं न कि उनकी मौत हुई है।
विकास उपाध्याय ने कहा एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर के नेतृत्व में कोरोना को लेकर जो काम रायपुर एम्स में किया जा रहा है वह पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। एम्स से अब तक 1472 रोगी ठीक होने के बाद डिस्चार्ज हुए हैं। जिसमें 163 की उम्र 60 या इससे अधिक की है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इसके अलावे 730 पुरुष रोगी, 472 महिलाएं और 270 बच्चे भी डिस्चार्ज हुए हैं। विकास उपाध्याय ने कहा रायपुर एम्स अकेले ऐसी संस्थान है जहाँ अपने खुद के वीआरडी लैब में 94370 टेस्ट हो चुके हैं जिनमें 2997 सैंपल पॉजीटिव पाए गए हैं और इन सब का इलाज भी यहीं हुआ है।
विकास उपाध्याय ने एम्स का निरीक्षण करने के बाद निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर के कक्ष में तमाम चिकित्सकों के साथ बैठक कर एक एक बात की जानकारी ली। इसमें ये जानकारी भी मिली कि स्त्री रोग विभाग में अब तक 75 गर्भवती महिलाओं का कोविड-19 का इलाज किया गया है। इनमें पांच की ऑपरेशन के माध्यम से डिलीवरी और 04 की नार्मल डिलीवरी भी करवाई गई है। वर्तमान में 08 गर्भवती महिलाएं यहां उपचार प्राप्त कर रही हैं,यह भी सफलता का एक नया प्रतिमान है। बैठक के बाद विधायक ने कहा यहाँ जैसा काम पूरे देश में कहीं नही हो रहा है। डॉ. खुद मरीजों का मनोबल बढ़ाने, कोरोना के डर को दिमाग से हटाने कई तरकीब से मरीजों को मोटिवेट कर रहे हैं। उन्होंने भी ऐसे मरीजों से अपील की है कि कोरोना से बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है और लोग इससे घबरा कर आत्महत्या जैसे कदम न उठाएं।