आदिवासी किसानों का 100 करोड़ रुपए भी खा गए अफसर : EOW की जांच में आए कई नाम
भोपाल
मध्य प्रदेश में किसानों के नाम पर भी घोटाला कर दिया गया. मामला जैविक खेती का है. ये 100 करोड़ का घोटाला शिवराज सरकार (Shivraj government) के दौरान हुआ था. EOW ने इस केस की फाइल खोल ली है. इसमें प्रदेश के कई बड़े अफसर फंसते हुए नज़र आ रहे हैं.
पिछले विधानसभा सत्र में इस घोटाले की गूंज सुनाई दी थी. उस समय भी कांग्रेस के ही माननीयों ने जांच की मांग उठाई थी. विधानसभा सत्र के दौरान यह मामला चर्चा में आया था. अब शिकायत EOW के पास है. उसने एक अलग टीम बनाकर जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है शिकायत से जुड़े तमाम दस्तावेजों को संबंधित विभाग से जुटाया जा रहा है. जैसे-जैसे सबूत आते जाएंगे, कार्रवाई आगे बढ़ाएंगे. सबूत जुटाने के लिए विभाग के कई अधिकारियों को तलब किया गया.
जैविक खेती के नाम पर किया गया ये घोटाला 2017-18 का है. आदिम जाति कल्याण विभाग ने 20 जिलों के आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया के साथ भारिया किसानों को कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा के उत्पादन में सहयोग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए करीब सौ करोड़ रुपए कृषि विभाग को दिए थे. विभाग का मकसद जैविक खेती करने वाले आदिवासी किसानों को बढ़ावा दिया जाना था. यह पैसा आदिवासी किसानों के लिए केंद्र से मिला था. विभाग को इससे खाद-बीज खरीदना थे औऱ फिर प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए किसानों को देना थे.
मामला 2017 का है. प्लान ये था कि रासायनिक खाद के बजाए जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए. सरकार ने पैसा तो दे दिया लेकिन अफसरों ने उसका फायदा किसानों को नहीं पहुंचाया. सितंबर 2018 में जैविक खेती के लिए सौ करोड़ रुपए का बजट रखा गया.एमपी एग्रो को खाद सहित बाकी सामान उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी थी. एग्रो ने निजी कंपनियों को ठेका दिया. आरोप है कि जो सामग्री दी गयी वो बेहद घटिया थी. खाद में राख और मिट्टी मिली थी और तरल पदार्थ में पानी भरा था. इस योजना को मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और छिंदवाड़ा में लागू किया जाना था.
कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है आदिवासियों के नाम पर बीजेपी सरकार ने कई घोटाले किए. इसलिए हमारी सरकार अब इन सभी घोटालों की जांच करा रही है. इनमें आदिवासी किसानों के साथ हुआ घोटाला भी शामिल है.EOW राज्य की सबसे अच्छी एजेंसी है. यही कारण है कि सीएम कमलनाथ ने तमाम घोटालों की जांच इसी एजेंसी को सौंपी है.