November 24, 2024

आबादी के अनुपात में प्रदेश में 400 करोड़ पौधरोपण जरूरी

0

भोपाल

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक  पी.सी. दुबे ने इंदौर में 'वन क्षेत्र के बाहर वनाच्छादन बढ़ाने' विषयक कार्यशाला में कहा कि प्रदेश में पर्यावरण उन्नयन के लिये वन विस्तार जरूरी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वन नीति-1988 और राज्य वन नीति-2005 के मापदण्डों के अनुसार प्रदेश में 33 प्रतिशत वन क्षेत्र होना चाहिए। प्रदेश की जनसंख्या लगभग साढ़े सात करोड़ है, जिसके विरूद्ध 33 प्रतिशत वन क्षेत्र लक्ष्य हासिल करने के लिये 400 करोड़ पौधे रोपित करना जरूरी है। कार्यशाला में इंदौर, उज्जैन और खण्डवा वन क्षेत्र के क्षेत्रीय वनाधिकारियों, किसानों, कृषि और उद्यानिकी विभागों के अधिकारियों, स्वयंसेवी संगठनों, टिम्बर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यशाला में वन भूमि के बाहर पड़त भूमि, निजी भूमि और शासकीय भूमि पर भी वनाच्छादन की आवश्यकता, पेड़ कटाई नियम का सरलीकरण, पर्यावरण, नदियों के सतत प्रवाह और कृषि वानिकी पर चर्चा की गई।

 दुबे ने कहा कि इंदौर वन वृत्त की जनसंख्या 72.16 लाख है। इसके अनुपात में 33 प्रतिशत लक्ष्य पाने के लिये 42 करोड़ पौधे लगाना जरूरी है। इसी प्रकार, खण्डवा वन वृत्त की जनसंख्या 53 लाख 26 हजार के अनुपात में 38 करोड़ पौधे, उज्जैन वन वृत्त की जनसंख्या 86 लाख 84 हजार के अनुपात में 102 करोड़ पौधे लगाना जरूरी है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि मेड़ों पर सागौन और साजा प्रजाति जैसी अधिक मूल्यवान प्रजातियों का पौधारोपण करें।

अलीराजपुर में बाँस रोपण की व्यापक संभावनाएँ

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक  दुबे ने कहा कि इंदौर संभाग के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले में बाँस के रोपण की व्यापक संभावनाएँ हैं। यहाँ की जलवायु बाँस के लिये उपयुक्त होने के कारण किसान बाँस का व्यावसायिक उत्पादन कर अपनी आय में वांछित वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अलीराजपुर जिले में 7.68 वर्ग कि.मी. वन भूमि में बाँस लगाये गये हैं। सोंडवा और भाबरा (सीएस नगर) तहसील की मिट्टी और अलीराजपुर जिले की जलवायु, मृदा, वर्षा आदि बाँस के लिये सर्वाधिक उपयुक्त है। कृषि के लिये अनुपयुक्त भूमि और निजी भूमि पर में भी बाँस को सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है।

कार्यशाला में स्वयंसेवी संगठन, किसान मिल मालिक, काष्ठ कला विशेषज्ञ, कृषि, उद्यानिकी और वन विभाग का अधिकारी/कर्मचारी भी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *