उद्धव सरकार के मंत्रियों में दरार खत्म करने के लिए बनेगी महा विकास अघाड़ी समन्वय समिति
मुंबई
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के मंत्रियों में मनभेद और मतभेद खत्म करने के लिए एक नई 'महा विकास अघाड़ी समन्वय समिति' का गठन किया जाएगा, ताकि सरकार में रोज आ रही परेशानियों को हल किया जा सके। इसमें प्रमुख मंत्रियों को भी जगह दी जाएगी। दरअसल, शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस मंत्रियों के बीच रोज अनबन की खबरें आ रही हैं। इन्हें दूर करने के लिए नई पहल की जा रही है। खासकर, हालिया दिनों में शिवसेना नेता संजय राउत के बयानों ने कांग्रेस को असहज कर दिया है और इससे अलायंस में मतभेद झलकने लगा था।
पार्टी स्तर पर भी कांग्रेस के मंत्री लगातार शिकायत कर रहे हैं कि उनकी एक नहीं सुनी जा रही है। यहां तक कि अधिकारी नहीं दिए गए हैं और जिन्हें दिए गए हैं, उनकी वे सुनते नहीं हैं। ऐसे में मंत्री रहकर भी वे क्या करें? कई मंत्री कार्यालय में अब नहीं बैठ पा रहे हैं। कांग्रेस के मंत्रियों ने इसकी शिकायत आलाकमान तक से की है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में कांग्रेस हाईकमान ने राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण और पार्टी नेता पृथ्वीराज चव्हाण की खबर ली है।
'महज रबर स्टैंप बनकर रहे गए हैं मंत्री'
कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने अपने विभाग की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को बताया कि उन्हें क्या करना है। दूसरे दिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उसी मंत्री के विभाग की बैठक लेकर नया फरमान दिया। तीसरे दिन मुख्यमंत्री ने उसी विभाग की समीक्षा बैठक ली। तीनों ने अधिकारियों को अलग-अलग आदेश दिया।
कांग्रेस के मंत्री ने बताया कि अब वे अपने विभाग के अधिकारी को बुलाती हैं तो वह आता ही नहीं। वह कहता है कि वह किसकी सुने, कैबिनेट मंत्री, उपमुख्यमंत्री या फिर मुख्यमंत्री? वे लोग महज रबर स्टैंप बनकर ही रह जाएंगे। यही हाल एनसीपी और शिवसेना के मंत्रियों का भी है, लेकिन वे अपनी फरियाद किसके पास लेकर जाएं, क्योंकि उनकी पार्टी के प्रमुख बॉस ही उनके मुखिया हैं।
नई समन्वयक समिति
मंत्रियों की परेशानी कम करने तथा संजय राउत के बयानों पर लगाम लगाने के लिए एक नई समन्वय समिति बनाने का निर्णय तीनों दल प्रमुख नेताओं ने लिया है। बताया जा रहा है कि नई समिति में प्रमुख मंत्रियों को भी स्थान दिया जाएगा।
'राउत पर लगाए लगाम'
सरकार में रहते कांग्रेस मंत्रियों, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की सुनवाई नहीं हो रही है। उल्टे शिवसेना के सांसद संजय राउत आए दिन बयान देकर रोज कांग्रेस की अग्निपरीक्षा ले रहे हैं। राउत के बयानों का कांग्रेस मंत्रियों और पदाधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा है। कांग्रेस की मांग है कि शिवसेना राउत पर लगाम लगाए।