सहकारिता मंत्री गोविन्द सिंह ने बुलाई MP के कलेक्टरों और सहकारिता विभाग के अफसरों की बैठक
भोपाल
सहकारिता मंत्री गोविन्द सिंह ने 17 जनवरी को इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल के कलेक्टरों और सहकारिता विभाग के अफसरों की बैठक बुला ली है। इस बैठक में गृह निर्माण सहकारी समितियों में किए गए फ्राड की बात होगी। बैठक में इस बात पर फोकस किया जाएगा कि ऐसे माफिया के विरुद्ध किस तरह का एक्शन लिया जाए और कैसे मकान व भूमि के लिए पूंजी फंसाने वालों को राहत दी जाए। इस मामले में खास बात यह है कि अगर किसी अधिकारी ने गलती की है तो उस पर भी कार्यवाही होना है।
मुख्यमंत्री का फोकस गृह निर्माण सहकारी समितियों पर है जिसमें व्यापक फर्जीवाड़ा है। जन अधिकार कार्यक्रम की वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम नाथ ने कहा था कि समितियों के खिलाफ सिर्फ एफआईआर दर्ज करने की औपचारिकता न हो बल्कि उन्हें सजा भी मिले। दूसरी ओर राज्य सरकार प्रदेश की निजी जमीन के लिए एनओसी देगी और अगर इसके बाद एनओसी जारी की गई जमीन पर किसी तरह की विवाद की स्थिति बनी तो संबंधित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति दी जाएगी। यह काम टाइटल रजिस्ट्रेशन सिस्टम प्रभावी करने के लिए किया जाएगा। इसके लिए हर खसरे को टाइटल में दर्ज किया जाएगा। इस व्यवस्था को प्रभावी करने के लिए राजस्व विभाग भू राजस्व संहिता की धारा 109 व 110 में संशोधन भी करेगा जिसके लिए प्रस्ताव तैयार कर बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाने वाला है।
राजस्व विभाग ने विजन 2025 के अंतर्गत काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत हर जमीन को डिजिटाइजेशन के माध्यम से टैग करने का काम किया जाएगा।
खसरे को डिजिटाइज करने के साथ सरकार सर्टिफिकेट देगी कि बेची जा रही जमीन का क्षेत्रफल रकबा और खसरा नम्बर सही है। जमीन की लोकेशन जिस गांव में बताई गई है, वह भी सही है। उस पर किसी का कब्जा नहीं है। कोई पुराना विवाद नहीं है।
सर्टिफिकेट देने का फायदा यह होगा कि जमीन का खरीददार आसानी से खरीदी करेगा क्योंकि उसे उलझने की स्थिति नहीं होगी। साथ ही प्रदेश और प्रदेश से बाहर का व्यक्ति किसी भी लोकेशन की जमीन की जानकारी लेकर जमीन खरीद सकेगा। इसके आधार पर बैंक को लोन देने और कोर्ट में सुनवाई के दौरान फैसला देने में आसानी होगी।